सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को लेखक सलमान रुश्दी की विवादित किताब द सैटेनिक वर्सेज पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। यह किताब वर्ष 1988 से भारत में आयात के लिए प्रतिबंधित है।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए याचिका प्रारंभिक स्तर पर ही खारिज कर दी। पीठ ने कहा, “आप वस्तुतः दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दे रहे हैं।”
एडवोकेट चाँद कुरैशी के माध्यम से दायर याचिका में दावा किया गया था कि दिल्ली हाई कोर्ट के नवंबर 2024 के आदेश के चलते यह किताब अब उपलब्ध है। हाई कोर्ट ने उस आदेश में कहा था कि चूँकि केंद्र सरकार संबंधित अधिसूचना प्रस्तुत करने में विफल रही, इसलिए यह माना जाएगा कि वह अस्तित्व में नहीं है।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसमें दखल देने से इनकार कर दिया और याचिका खारिज कर दी।
गौरतलब है कि 1988 में तत्कालीन राजीव गांधी सरकार ने कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए इस किताब के आयात पर रोक लगाई थी, क्योंकि मुस्लिम समुदाय के बड़े हिस्से ने इसे ईशनिंदा करार दिया था।
शुक्रवार के आदेश के साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली हाई कोर्ट के रुख को बरकरार रखा है, जिससे करीब चार दशक पुराना यह विवाद यथास्थिति में ही बना हुआ है।