निलंबित IAS अधिकारी विनय चौबे ने गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की है। मामला हज़ारीबाग में उनके कार्यकाल के दौरान कथित तौर पर सरकारी भूमि (खसमहल) को अवैध रूप से निजी व्यक्तियों के नाम करने से जुड़ा है।
चौबे की याचिका ऐसे समय आई है जब हज़ारीबाग की एक अदालत ने 16 सितम्बर को उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। अब उनके वकील ने उस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है, हालांकि सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं हुई है।
अभियोजन के अनुसार, चौबे पर आरोप है कि उन्होंने 2.75 एकड़ खसमहल भूमि, जो सरकारी नियंत्रण में रहनी चाहिए थी, को अवैध रूप से निजी लोगों को आवंटित कर दिया। इस मामले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) कर रहा है।

इससे पहले, 19 अगस्त को चौबे को 38 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से जुड़े मामले में जमानत मिल गई थी, क्योंकि ACB निर्धारित समय में आरोपपत्र दाखिल नहीं कर सका। उन्हें इस मामले में 20 मई को गिरफ्तार किया गया था और बाद में राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया था।
चौबे मई से न्यायिक हिरासत में हैं और इस समय रांची स्थित रिम्स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) में उपचाराधीन हैं।
निलंबित IAS अधिकारी के खिलाफ भूमि रूपांतरण और शराब घोटाले, दोनों मामलों में आरोप लंबित हैं और उनकी ताज़ा जमानत अर्जी पर अब झारखंड हाईकोर्ट फैसला करेगा।