दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह तेलुगु अभिनेता अक्किनेनी नागार्जुन की व्यक्तित्व एवं प्रचार अधिकारों की सुरक्षा संबंधी याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करेगा।
यह मामला न्यायमूर्ति तेजस कारिया के समक्ष आया, जिन्होंने मौखिक रूप से कहा, “जब आप यूआरएल की पहचान कर सकते हैं तो सबसे अच्छा यही है कि उन्हें हटाने का निर्देश दिया जाए… आदेश पारित करेंगे।” अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए तारीख 23 जनवरी तय की है।
नागार्जुन की ओर से अधिवक्ता प्रवीण आनंद ने दलील दी कि अभिनेता तीन तरह के उल्लंघनों से पीड़ित हैं:

- अश्लील वेबसाइटों पर उनके व्यक्तित्व का इस्तेमाल।
- बिना अनुमति उनके नाम और व्यक्तित्व का उपयोग कर सामान (मर्चेंडाइज़) बेचना।
- विभिन्न यूट्यूब वीडियो में उनकी छवि का दुरुपयोग।
अधिवक्ता ने कहा कि इस तरह की गतिविधियाँ अभिनेता के व्यक्तित्व अधिकारों का उल्लंघन हैं और उन्हें अपने नाम, छवि और व्यक्तित्व पर नियंत्रण से वंचित करती हैं।
यह याचिका हाल ही में दायर उन मामलों की श्रृंखला का हिस्सा है, जिनमें मशहूर हस्तियों ने अदालत का रुख किया है। हाल ही में अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन, अभिनेता अभिषेक बच्चन और फिल्म निर्माता करण जौहर ने भी दिल्ली हाईकोर्ट में ऐसी ही सुरक्षा की मांग की थी, जिन पर अदालत ने उन्हें अंतरिम राहत प्रदान की थी।
व्यक्तित्व अधिकार, जिन्हें पब्लिसिटी राइट्स भी कहा जाता है, किसी व्यक्ति की छवि, नाम और पहचान पर उसका नियंत्रण सुनिश्चित करते हैं। ये अधिकार मशहूर हस्तियों और सार्वजनिक व्यक्तियों को यह संरक्षण देते हैं कि उनकी पहचान का व्यावसायिक शोषण उनकी अनुमति के बिना न हो और वे अपनी पहचान से मिलने वाले लाभ का अधिकार बनाए रखें।
अदालत का आगामी अंतरिम आदेश नागार्जुन की पहचान का दुरुपयोग करने वाली ऑनलाइन सामग्री हटाने और आगे के उल्लंघनों पर रोक लगाने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।