प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को विशेष अदालत में कहा कि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी (FEO) घोषित करने की कार्यवाही खत्म नहीं की जा सकती क्योंकि वह भारत लौटना ही नहीं चाहता और बेल्जियम में प्रत्यर्पण कार्यवाही का विरोध कर रहा है।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने अदालत को बताया कि चोकसी जानबूझकर भारतीय न्यायालयों से बच रहा है।
“एफईओ की कार्यवाही तभी समाप्त हो सकती है जब आरोपी अदालत के समक्ष उपस्थित हो। यह एक विशेष प्रावधान वाला विशेष कानून है,” ईडी ने कहा।
ईडी ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि चोकसी सचमुच कार्यवाही समाप्त करना चाहता है तो उसे स्वेच्छा से भारत लौटना चाहिए।
“वह बेल्जियम में कहता है कि उसे प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता, और यहां यह दलील देता है कि गिरफ्तारी के कारण एफईओ आवेदन निरर्थक है। यह विरोधाभास दर्शाता है कि उसने जानबूझकर भारत में मौजूद न रहने का रास्ता चुना,” सिंह ने दलील दी।

चोकसी 2023 में एंटीगुआ और बारबुडा छोड़कर बेल्जियम चला गया था, जहां वह इस समय भारत की प्रत्यर्पण मांग पर मुकदमे का सामना कर रहा है। उसकी ओर से दलील दी गई कि चूंकि वह पहले से ही हिरासत में है और भारत ने प्रत्यर्पण का अनुरोध किया है, इसलिए एफईओ घोषित करने की ईडी की अर्जी खारिज कर दी जानी चाहिए।
यदि चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जाता है तो भारतीय एजेंसियों को यह अधिकार मिल जाएगा कि वे उसकी देश और विदेश दोनों जगह की संपत्तियों को जब्त कर सकें।
चोकसी अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ 2018 में सामने आए 13,000 करोड़ रुपये से अधिक के पीएनबी घोटाले का आरोपी है। जहां नीरव मोदी ब्रिटेन में प्रत्यर्पण कार्यवाही का सामना कर रहा है, वहीं चोकसी लगातार विभिन्न देशों में जाकर भारत वापसी से बचता रहा है।
अदालत ने ईडी की दलीलें दर्ज कर लीं और मामले की अगली सुनवाई तय की है, जिसमें चोकसी के वकील अपने तर्क रखेंगे।