पटना हाईकोर्ट ने बुधवार को कांग्रेस पार्टी को आदेश दिया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत माता को दर्शाने वाला एआई-जनित (AI-generated) वीडियो अपने सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से हटा ले।
यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश पी. बी. बजंथ्री ने अधिवक्ता विवेकानंद सिंह और अन्य की याचिका पर पारित किया। याचिकाकर्ताओं ने वीडियो को “मानहानिकारक प्रकाशन” बताया और कहा कि यह राजनीतिक दलों पर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (Representation of the People Act) के तहत लगाए गए प्रतिबंधों का उल्लंघन करता है।
सुनवाई के दौरान भारत सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के. एन. सिंह ने अदालत को बताया कि अदालत ने स्पष्ट किया है कि यह वीडियो “अगली तारीख तक हटाया रहेगा”।

याचिका में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, केंद्र सरकार और भारत निर्वाचन आयोग (ECI) को भी प्रतिवादी बनाया गया है।
निर्वाचन आयोग की ओर से पेश हुए अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद ने कहा कि अदालत ने फेसबुक, ट्विटर (एक्स) और गूगल जैसे प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अगली तारीख अदालत की आदेश पत्रिका (order sheet) में अपलोड होने पर स्पष्ट होगी।
पिछले हफ्ते बिहार कांग्रेस ने अपने एक्स (X) हैंडल पर यह वीडियो पोस्ट किया था। इसके साथ लिखा था—
“साहब के सपनों में आई मां। देखिए रोचक संवाद।”
वीडियो में प्रधानमंत्री की दिवंगत माता को उनके राजनीतिक निर्णयों की आलोचना करते हुए दिखाया गया था। इस पर बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने कड़ी आपत्ति जताई और देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए।
कांग्रेस ने हालांकि अपने पक्ष का बचाव किया। पार्टी के मीडिया और प्रचार विभाग प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि वीडियो से न तो प्रधानमंत्री और न ही उनकी माता का अनादर किया गया है।
“आपत्ति किस बात की है? सिर्फ इसलिए कि एक मां बेटे को सही काम करने की शिक्षा दे रही है? इसमें न तो मां, जिनका हम बेहद सम्मान करते हैं, का अनादर है और न ही बेटे का,” खेड़ा ने कहा।
अब मामले की सुनवाई अगली तारीख पर होगी, जिसमें सोशल मीडिया कंपनियों और अन्य प्रतिवादियों के जवाब पर विचार किया जाएगा। तब तक यह वीडियो सोशल मीडिया से हटाया हुआ रहेगा।