जनता को न्यायिक सेवाओं तक आसान पहुंच देने के उद्देश्य से दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को अपना मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया, जिसके जरिए नागरिक अपने स्मार्टफोन पर विभिन्न सेवाओं और डाटा का लाभ उठा सकेंगे।
मोबाइल ऐप सहित कई अन्य आईटी पहलों का उद्घाटन सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय और जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह की मौजूदगी में किया।
डिजिटल पहल की सराहना करते हुए जस्टिस नाथ ने कोर्ट की कार्यवाही के लाइव-स्ट्रीमिंग शुरू करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “दिल्ली में लाइव-स्ट्रीमिंग नहीं है। हाइब्रिड कोर्ट का मतलब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग है, जो अलग है। आम जनता कोर्ट की कार्यवाही नहीं देख सकती। दिल्ली हाईकोर्ट देश का प्रमुख संस्थान है, इसे लाइव-स्ट्रीमिंग शुरू करनी चाहिए।” उन्होंने मज़ाकिया अंदाज़ में जोड़ा, “आप लाइव जाएं, फिर मुझे उद्घाटन के लिए दोबारा बुलाएं।”

अक्टूबर 2023 में दिल्ली हाईकोर्ट ने एक विशेष कोर्ट में लाइव-स्ट्रीमिंग की घोषणा की थी, लेकिन शुरुआती प्रयोग के बाद यह पहल ठप पड़ गई।
मोबाइल ऐप के अलावा हाईकोर्ट ने न्यायिक अधिकारियों के लिए विशेष पोर्टल, ई-ऑफिस पायलट प्रोजेक्ट, और एमसीडी अपीलीय अधिकरण तथा किशोर न्याय बोर्ड को ई-कोर्ट्स सिस्टम से जोड़ने की शुरुआत की।
जस्टिस नाथ ने कहा कि डिजिटलीकरण का हर नया कदम न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में भी एक कदम है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घोषणा की कि दिल्ली सरकार सभी अदालतों में मुफ्त वाई-फाई सुविधा उपलब्ध कराएगी, जिससे जज, वकील और वादकारी लाभान्वित होंगे। उन्होंने यमुना की सफाई, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की मरम्मत और प्रदूषण नियंत्रण के लिए जीआरएपी के तहत होने वाली तैयारियों पर भी जानकारी दी।
मुख्य न्यायाधीश उपाध्याय ने कहा कि इन ई-पहल का उद्देश्य अदालतों की कार्यप्रणाली को अधिक कुशल बनाना है। उन्होंने कहा, “कोई ‘फटकार’ जैसी बात नहीं है, हम केवल राज्य के दूसरे स्तंभ को ऊर्जा देने का प्रयास कर रहे हैं ताकि दिल्ली के अधिकतम लोगों का सामूहिक भला हो सके।”