सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को निर्देश दिया कि यदि दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (डायल) को शोर स्तर की निगरानी को लेकर उसके 2024 के आदेशों के अनुपालन से संबंधित कोई नई याचिका दायर की जाती है, तो उस पर विचार किया जाए।
न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने यह आदेश उस अपील पर सुनवाई करते हुए पारित किया, जिसमें आईजीआई एयरपोर्ट के रनवे नंबर 29/11 से होने वाले शोर प्रदूषण पर एनजीटी द्वारा आगे कोई निर्देश जारी करने से इनकार को चुनौती दी गई थी। यह रनवे हवाई अड्डे के कुल आगमन और प्रस्थान का 50 प्रतिशत से अधिक वहन करता है।
पीठ ने कहा:
“हम इस अपील का निस्तारण करते हुए याचिकाकर्ता को यह स्वतंत्रता देते हैं कि वह सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ एनजीटी के समक्ष नई याचिका दायर करे ताकि उचित राहत प्राप्त की जा सके, जिनमें वे राहतें भी शामिल हों जिन्हें पहले एनजीटी ने मंजूर किया था लेकिन अब तक लागू नहीं की गई हैं।”

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि ऐसी कोई नई याचिका दाखिल होती है, तो एनजीटी उसे यथाशीघ्र अपने गुण-दोष और कानून के अनुसार निपटाए।मामले की पृष्ठभूमि
यह अपील सोसाइटी फॉर प्रोटेक्शन ऑफ कल्चर, हेरिटेज, एनवायरनमेंट, ट्रेडिशंस एंड प्रमोशन ऑफ नेशनल अवेयरनेस द्वारा एनजीटी के जुलाई 2024 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी। उस आदेश में एनजीटी ने माना था कि डायल ने मार्च 21, 2024 के निर्देशों का पालन किया है।
उस निर्देश में एनजीटी ने डायल को हवाई अड्डे के अलग-अलग स्थानों पर शोर निगरानी प्रणाली (Noise Monitoring Systems) लगाने और उसका डेटा आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करने का आदेश दिया था। इसके बाद डायल ने पांच शोर निगरानी टर्मिनल स्थापित किए।