दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को गंगाराम अस्पताल की एक डीएनबी (डिप्लोमेट नेशनल बोर्ड) प्रशिक्षु डॉक्टर द्वारा दायर याचिका पर राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBE) से जवाब तलब किया है। याचिका में डीएनबी परीक्षा के मूल्यांकन में हुई कथित त्रुटियों के कारण पुनर्मूल्यांकन की मांग की गई है।
न्यायमूर्ति विकास महाजन ने NBE और केंद्र को नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त के लिए सूचीबद्ध की।
याचिकाकर्ता ने अधिवक्ता तन्वी दुबे के माध्यम से दायर याचिका में सूचना बुलेटिन की धारा 5.3 और 14 अगस्त की अधिसूचना को चुनौती दी है। इस प्रावधान के तहत केवल उसी स्थिति में पुनर्मूल्यांकन की अनुमति है, जब परीक्षक द्वारा किसी उत्तर को “न किया गया” (not attempted) चिह्नित कर दिया गया हो।

याचिकाकर्ता का कहना है कि यह शर्त मनमानी है और अन्य मूल्यांकन संबंधी विसंगतियों को चुनौती देने का कोई अवसर नहीं देती। उनका आरोप है कि उनके मामले में मूल्यांकन लापरवाही और अनुचित तरीके से किया गया, जिससे वास्तविक और अपेक्षित अंकों में भारी अंतर आ गया।
याचिका में कहा गया है कि उत्तर पुस्तिकाओं में स्पष्ट विसंगतियाँ थीं, लेकिन पुनर्मूल्यांकन का विकल्प न होने से पारदर्शिता सुनिश्चित करने का कोई आधार नहीं बचता। याचिकाकर्ता ने स्पष्ट किया कि वे अनुग्रह अंक (grace marks) नहीं, बल्कि सिर्फ पुनर्मूल्यांकन का अवसर चाहती हैं।
याचिका में कहा गया है कि अनुचित मूल्यांकन के कारण उन्हें सिद्धांत परीक्षा में असफल घोषित कर दिया गया, जिससे वे व्यावहारिक परीक्षा में शामिल होने से वंचित रह गईं। इसका सीधा असर उनके वर्षों के अकादमिक प्रशिक्षण, पेशेवर करियर और भविष्य की संभावनाओं पर पड़ा है।
हाईकोर्ट ने NBE के वकील को निर्देश दिया है कि वे इस मामले में आवश्यक निर्देश लेकर अदालत के समक्ष प्रस्तुत हों। मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी।