राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) को बड़ा झटका देते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरुवार को विवादित 2021 पुलिस सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा को पेपर लीक घोटाले के चलते रद्द कर दिया।
न्यायमूर्ति समीयर जैन ने विस्तृत निर्णय सुनाते हुए कहा कि परीक्षा प्रक्रिया “अवैधता और प्रणाली पर धोखाधड़ी” से ग्रस्त थी। अदालत ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि इतने स्पष्ट साक्ष्यों के बावजूद उसने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मेजर आर.पी. सिंह ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा, “अवैधता और धोखाधड़ी इतनी स्पष्ट थी। यह आश्चर्यजनक है कि राज्य सरकार ने इस विषय पर कोई निर्णय नहीं लिया। अदालत का यह फैसला उन गिरोहों के लिए निवारक सिद्ध होगा जो युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।”

यह भर्ती परीक्षा लंबे समय से राजनीतिक विवाद का केंद्र बनी हुई थी। कांग्रेस सरकार और वर्तमान भाजपा सरकार दोनों पर इस मामले के निपटारे को लेकर सवाल उठते रहे। यहां तक कि 2023 विधानसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा सरकार ने परीक्षा रद्द करने का निर्णय नहीं लिया।
एकलपीठ ने मामले को डिवीजन बेंच को भी संदर्भित किया है ताकि आरपीएससी के सदस्यों की भूमिका की जांच हो सके, जिन पर इस घोटाले में संलिप्त होने के आरोप लगे हैं। अदालत ने आयोग की जवाबदेही तय करने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि भर्ती प्रक्रियाओं में जनता का विश्वास बहाल किया जा सके।
आरपीएससी ने 2021 में सब-इंस्पेक्टर और प्लाटून कमांडर के 859 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था। लेकिन जल्द ही पेपर लीक के आरोप सामने आए, जिसके बाद सरकार ने जांच विशेष संचालन समूह (SOG) को सौंपी।
SOG की जांच में 50 से अधिक प्रशिक्षु सब-इंस्पेक्टर सहित कई अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके बावजूद राज्य मंत्रिमंडलीय उप-समिति ने हाईकोर्ट में अपनी रिपोर्ट में परीक्षा रद्द न करने की सिफारिश की थी। अब हाईकोर्ट ने उस स्थिति को पलट दिया है।
अदालत के इस फैसले से सैकड़ों अभ्यर्थियों पर असर पड़ेगा जिन्होंने यह परीक्षा उत्तीर्ण की थी। अब यह मामला डिवीजन बेंच के समक्ष जाएगा, जो आरपीएससी की कार्यप्रणाली और भर्ती घोटाले में उसकी कथित भूमिका की गहन जांच करेगा।