संभल जिले में स्थित शाही जामा मस्जिद-हरिहर मंदिर विवाद की सुनवाई अब 25 सितंबर को होगी। चंदौसी की सिविल जज (सीनियर डिवीजन) आदित्य सिंह की अदालत ने गुरुवार को अगली तारीख तय की।
शाही जामा मस्जिद की ओर से अधिवक्ता शकील अहमद वारसी ने बताया कि मामले की सुनवाई आज निर्धारित थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की रोक के चलते इसे 25 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता श्री श्री गोपाल शर्मा ने भी इस बात की पुष्टि की।
मुस्लिम पक्ष ने मामले की ग्राह्यता को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था। हालांकि, 19 मई को हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा, जिसमें अदालत-निगरानी में सर्वे कराने की अनुमति दी गई थी, और निचली अदालत को आगे की कार्यवाही जारी रखने का निर्देश दिया गया था।

यह विवाद 19 नवंबर 2023 से जुड़ा है, जब हिंदू पक्षकारों— जिनमें अधिवक्ता हरि शंकर जैन और विष्णु शंकर जैन शामिल हैं— ने संभल की जिला अदालत में वाद दायर कर दावा किया था कि शाही जामा मस्जिद एक पूर्ववर्ती हरिहर मंदिर को तोड़कर बनाई गई है।
वाद दायर होने के दिन ही अदालत-आदेशित सर्वे कराया गया था, जबकि दूसरा सर्वे 24 नवंबर को हुआ। दूसरे सर्वे के बाद संभल में भारी बवाल हुआ, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 29 पुलिसकर्मी घायल हुए।
इस हिंसा के मामले में पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क और मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जफर अली के खिलाफ मामला दर्ज किया। इसके अलावा 2,750 अज्ञात लोगों पर भी एफआईआर की गई।
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट की रोक जारी है और चंदौसी अदालत ने सुनवाई 25 सितंबर तक स्थगित कर दी है। यह मामला उत्तर प्रदेश के सबसे संवेदनशील मंदिर-मस्जिद विवादों में से एक माना जा रहा है, जिस पर आम जनता और कानूनी जगत की कड़ी नजर बनी हुई है।