मोहाली की एक अदालत ने सोमवार को शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की ज़मानत याचिका खारिज कर दी। उन्हें disproportionate assets (डीए) मामले में गिरफ्तार किया गया है, जिसमें कथित तौर पर नशीली दवाओं से जुड़ा धन शोधन शामिल है।
लोक अभियोजक फेरी सोफत ने बताया कि अदालत ने मजीठिया की ज़मानत अर्जी दो मुख्य आधारों पर खारिज की—पहला, जांच अभी जारी है और दूसरा, आरोप बेहद गंभीर प्रकृति के हैं। उन्होंने कहा कि अदालत ने इस ज़मानत अर्जी पर कम से कम 10 दिनों तक रोज़ाना सुनवाई की।
मजीठिया फिलहाल पटियाला की नई नाभा जेल में बंद हैं। गत 14 अगस्त को अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत को बढ़ाकर 28 अगस्त तक कर दिया था।

25 जून को पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने मजीठिया को disproportionate assets मामले में गिरफ्तार किया था। एफआईआर के अनुसार, प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि 540 करोड़ रुपये से अधिक की “ड्रग मनी” अलग-अलग तरीकों से मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए खपाई गई और इसमें मजीठिया की कथित भूमिका रही।
यह एफआईआर पंजाब पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) द्वारा 2021 के ड्रग मामले में की जा रही जांच से जुड़ी है। वर्ष 2021 में मजीठिया पर नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंसेज़ (एनडीपीएस) एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था। यह कार्रवाई 2018 की एंटी-ड्रग स्पेशल टास्क फोर्स की रिपोर्ट के आधार पर की गई थी।
इससे पहले मजीठिया ने पांच महीने से अधिक समय पटियाला जेल में बिताया था और अगस्त 2022 में उन्हें पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से ज़मानत मिलने के बाद रिहाई मिली थी।
अब ज़मानत याचिका खारिज होने के बाद मजीठिया न्यायिक हिरासत में ही रहेंगे और मामले की जांच आगे जारी रहेगी।