भिवंडी मेट्रो हादसे के बाद हाईराइज़ निर्माण स्थलों की सुरक्षा पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने फिर खोली याचिका

महाराष्ट्र के ठाणे जिले के भिवंडी में एक निर्माणाधीन मेट्रो साइट से लोहे की छड़ गिरने की घटना के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने ऊंची इमारतों पर चल रहे निर्माण स्थलों की सुरक्षा खामियों को लेकर 2024 में दायर एक जनहित याचिका को पुनः खोल दिया है।

5 अगस्त को हुए इस हादसे में एक 20 वर्षीय युवक गंभीर रूप से घायल हो गया, जब एक लोहे की छड़ एक चलती ऑटो रिक्शा पर गिरकर उसके सिर में घुस गई।

न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और दोहराया कि सुरक्षा मानकों के लगातार उल्लंघन के बावजूद प्रशासनिक कार्रवाई में ढिलाई बरती जा रही है। अदालत ने यह भी कहा कि 2023 में गठित विशेषज्ञ समिति की सिफारिशें अब तक सभी नगर और योजना प्राधिकरणों तक नहीं पहुंचाई गई हैं।

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गौरतलब है कि हाई कोर्ट ने यह मामला 2023 में सुओ मोटू लिया था, जब मुंबई के वर्ली क्षेत्र में निर्माणाधीन 52 मंज़िला इमारत से गिरा सीमेंट ब्लॉक दो राहगीरों की मौत का कारण बना था। अदालत ने तब एक समिति गठित करने का आदेश दिया था ताकि निर्माण स्थलों पर सुरक्षा के उपाय सुनिश्चित किए जा सकें।

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अदालत ने गुरुवार को अपने पूर्व आदेश का हवाला देते हुए कहा, “हमने यह आशा की थी कि मुंबई शहर में कोई भी ऊंची इमारत का निर्माण ऐसा न हो, जो आम नागरिकों के लिए खतरा बन जाए और उनकी जान-माल को जोखिम में डाले।”

पीठ ने यह भी कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को ऐसे खतरों के संपर्क में लाना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उनके जीवन और आजीविका के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।

सुनवाई के दौरान बीएमसी ने अदालत को सूचित किया कि समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की जा चुकी है। इस पर अदालत ने पूछा कि क्या इन सिफारिशों को उन निर्माण स्थलों पर लागू किया गया है जो जनता के लिए खतरा बन सकते हैं।

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न्यायालय ने कहा, “हालिया घटना जिसमें एक लोहे की छड़ पुल से गिरकर एक ऑटो रिक्शा यात्री के सिर में घुस गई, उस चिंता को फिर से जीवित करती है जिसे अदालत ने पहले उठाया था।”

अदालत ने बीएमसी को निर्देश दिया कि वह विशेषज्ञ समिति की सुरक्षा संबंधी सिफारिशों को रिकॉर्ड पर लाए, ताकि राज्य सरकार उन्हें सभी नगर और योजना प्राधिकरणों को क्रियान्वयन हेतु भेज सके।

पीठ ने कहा, “ये उपाय सार्वजनिक हित में हैं, इसलिए इसमें शीघ्र कार्रवाई आवश्यक है।”

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अब यह मामला आगामी सुनवाई के लिए 12 अगस्त को सूचीबद्ध किया गया है।

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