बेंगलुरु, 1 अगस्त — निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से जुड़े मामलों की विशेष अदालत ने शुक्रवार को पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को एक 47 वर्षीय घरेलू सहायिका के साथ बलात्कार के मामले में दोषी करार दिया। यह मामला उनके खिलाफ दर्ज चार बलात्कार मामलों में से एक है।
प्रज्वल रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवगौड़ा के पोते हैं और हासन लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं। अदालत अब शनिवार को सजा की घोषणा करेगी।
इस मामले में सुनवाई मई 2024 में शुरू हुई थी, जब अदालत ने भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं और आईटी अधिनियम के तहत आरोप तय किए थे। आरोपों में शामिल हैं:

- धारा 376(2)(k) – ऐसे व्यक्ति द्वारा बलात्कार जिसके पास महिला पर अधिकार या नियंत्रण हो
- धारा 376(2)(n) – एक ही महिला के साथ बार-बार बलात्कार
- धारा 354A – यौन उत्पीड़न
- धारा 354B – महिला को कपड़े उतारने के लिए हमला या बल प्रयोग
- धारा 354C – झांकना या चोरी-छिपे देखने की प्रवृत्ति (वॉयूरिज़्म)
- धारा 506 – आपराधिक डराना-धमकाना
- धारा 201 – साक्ष्यों को नष्ट करना
साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66E के तहत निजता के उल्लंघन का भी आरोप शामिल है।
विशेष लोक अभियोजक अशोक नायक ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने 26 गवाहों से जिरह की और 180 दस्तावेजों को साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, “इस मुकदमे की सुनवाई में कुल 38 तारीखें लगीं, जिनमें बहस की तिथियां भी शामिल थीं।”
प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ शेष तीन मामलों की सुनवाई अभी जारी है। इस फैसले से उन मामलों की दिशा पर भी असर पड़ सकता है।
अदालत अब कल यह तय करेगी कि दोषी करार दिए गए पूर्व सांसद को कितनी सजा दी जाएगी।