नाबालिग युवक पर विवाहित महिला द्वारा लगाए गए बलात्कार के आरोप उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रद्द किए, संबंध को बताया सहमति से बना

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक विवाहित महिला द्वारा एक 20 वर्षीय युवक पर लगाए गए बलात्कार और धमकी के आरोपों को खारिज कर दिया है। अदालत ने इसे आपसी सहमति से बना संबंध करार देते हुए कहा कि मामला आपराधिक नहीं है।

न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकल पीठ ने इस निर्णय में कहा कि युवक विवाह योग्य उम्र से कम था और महिला पहले से विवाहित थी तथा उसका एक सात वर्षीय पुत्र भी है। ऐसे में विवाह के वादे के आधार पर शारीरिक संबंध बनाना न तो तार्किक है और न ही कानूनी रूप से वैध।

READ ALSO  सहारनपुर हिंसा मामले में भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर को राहत, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को डिस्चार्ज अर्जी पर फिर से फैसला करने का निर्देश दिया

महिला ने शिकायत में आरोप लगाया था कि युवक ने विवाह का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए और सोशल मीडिया पर उसके वीडियो अपलोड करने की धमकी दी। इस शिकायत पर वर्ष 2022 में युवक के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था और काशीपुर की न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने उसे समन जारी किया था।

हालांकि हाईकोर्ट ने इस आधार पर आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया कि मामला सहमति से बने संबंध का है, न कि झूठे वादे का। न्यायालय ने टिप्पणी की कि “28 वर्षीय विवाहित महिला, जो एक बच्चे की मां भी है, कैसे एक 20 वर्षीय युवक के विवाह के वादे पर विश्वास कर सकती है, जब वह स्वयं जानती थी कि युवक विवाह की कानूनी उम्र में नहीं था।”

न्यायालय ने यह भी कहा कि महिला के विवाहित होने के चलते विवाह का प्रस्ताव स्वयं अवैध और असंभव था। इसलिए यह मानना कि युवक ने झूठा वादा किया, न्यायोचित नहीं है।

READ ALSO  मवेशियों के शवों के निपटान के लिए अधिकारियों द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया को हाईकोर्ट ने नामंजूर कर दिया है

अंततः, हाईकोर्ट ने आरोप पत्र और शिकायत को रद्द करते हुए युवक के खिलाफ सभी आपराधिक कार्यवाहियों को समाप्त कर दिया।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles