मणिपुर हाईकोर्ट ने जिरिबाम हत्याकांड में एनआईए को एक माह के भीतर चार्जशीट दाखिल करने का निर्देश दिया

मणिपुर हाईकोर्ट ने नवंबर 2023 में जिरिबाम जिले में तीन महिलाओं और तीन बच्चों की निर्मम हत्या के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को एक महीने के भीतर चार्जशीट दाखिल करने का निर्देश दिया है। यह सभी पीड़ित बोरबेक्रा क्षेत्र स्थित एक सुरक्षा शिविर पर हुए हमले के दौरान अगवा किए गए थे और बाद में उनकी गोलियों से छलनी लाशें मिली थीं।

मुख्य न्यायाधीश के. सोमशेखर और न्यायमूर्ति अहंथेम बिमोल सिंह की खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। कोर्ट ने कहा कि एफआईआर दर्ज होने के बाद भी अब तक आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है। अदालत ने टिप्पणी की, “एफआईआर दर्ज होने के बाद कानून के तहत कार्रवाई शुरू की गई थी, लेकिन आज तक आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए कोई ठोस रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई है।”

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केंद्र सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने अदालत को सूचित किया कि जांच लगभग पूरी हो चुकी है और चार्जशीट दाखिल करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। जांच की प्रगति संबंधी दो सीलबंद लिफाफों में विस्तृत रिपोर्ट अदालत के समक्ष प्रस्तुत की गई, जिसे रिकॉर्ड पर लिया गया।

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कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “मामले की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, चार्जशीट की विस्तृत रिपोर्ट सीआरपीसी की धारा 173 और बीएनएसएस अधिनियम, 2023 के प्रावधानों के अनुसार एक माह के भीतर दाखिल की जाए।” साथ ही अदालत ने चेतावनी भी दी कि “यदि प्रगति नहीं हुई तो इस मामले को गंभीरता से लिया जाएगा।”

अगली सुनवाई 28 अगस्त के लिए निर्धारित की गई है।

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इससे पहले, 9 जुलाई को भी हाईकोर्ट ने एनआईए को जांच की प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। यह वीभत्स घटना 11 नवंबर 2023 को उस समय हुई थी जब सशस्त्र हमलावरों ने जिरिबाम के बोरबेक्रा क्षेत्र में एक सुरक्षा शिविर पर हमला किया। इस दौरान तीन महिलाओं और तीन बच्चों, जिनमें एक 10 महीने का शिशु भी शामिल था, को अगवा कर लिया गया था। दो आम नागरिकों की भी हत्या कर दी गई थी। छह अगवा पीड़ितों की लाशें 15 नवंबर को मणिपुर-असम सीमा के पास बराक नदी में मिली थीं, जो गोलियों से छलनी थीं।

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