गंदे नाले से होकर गुजरते सैनिकों के लिए FOB निर्माण पर दिल्ली हाईकोर्ट ने तेज कार्रवाई के निर्देश दिए

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को दिल्ली छावनी क्षेत्र में लंबे समय से लंबित फुट ओवर ब्रिज (FOB) के निर्माण के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) को टेंडर प्रक्रिया तत्काल शुरू करने का निर्देश दिया। यह निर्देश तब आया जब खुलासा हुआ कि राजपुताना राइफल्स रेजीमेंट के सैनिकों को दशकों से परेड ग्राउंड तक पहुंचने के लिए गंदे, सीवेज से भरे नाले से होकर गुजरना पड़ता है।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह और न्यायमूर्ति मनमीत पी.एस. अरोड़ा की पीठ ने दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड द्वारा दाखिल स्थिति रिपोर्ट की समीक्षा के बाद यह निर्देश दिया। यह रिपोर्ट 10 और 24 जुलाई को हुई बैठकों के आधार पर तैयार की गई थी, जिसमें दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC), दिल्ली जल बोर्ड (DJB), PWD और राजपुताना राइफल्स रेजीमेंट सेंटर सहित सभी प्रमुख एजेंसियों ने अगले 10 महीनों में FOB का निर्माण पूरा करने पर सहमति जताई थी।

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पीठ ने अपने आदेश में कहा, “साथ ही, FOB के निर्माण के लिए PWD द्वारा टेंडर प्रक्रिया भी शुरू की जाए और इस पर एक रिपोर्ट दाखिल की जाए। इस बीच, नाले की मरम्मत का कार्य जारी रहेगा।”

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एक अस्थायी समाधान के रूप में, सेना ने एक बेली ब्रिज (Bailey Bridge) बनाने का निर्णय लिया है—जो कि आपातकालीन या युद्धकालीन परिस्थितियों में अस्थायी आवागमन के लिए इस्तेमाल होने वाला पोर्टेबल, प्री-फैब्रिकेटेड पुल होता है।

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यह रिपोर्ट हाईकोर्ट के 18 जून के आदेश के अनुपालन में दाखिल की गई, जिसमें PWD, दिल्ली छावनी बोर्ड और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को सैनिकों की आवाजाही के लिए त्वरित समाधान तलाशने के निर्देश दिए गए थे।

यह मामला पहली बार 26 मई को न्यायिक ध्यान में आया, जब हाईकोर्ट ने एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया था, जिसमें बताया गया था कि 3,000 से अधिक सैनिक किस तरह बदतर परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सैनिकों को दिन में चार बार एक दुर्गंधयुक्त, कीचड़ भरे खुले नाले को पार करना पड़ता है क्योंकि वहां कोई पुल नहीं है।

पीठ ने टिप्पणी की थी, “सैनिकों को दिन में चार बार इस नाले से गुजरना पड़ता है। यह नाला कई बार जलमग्न रहता है, फिसलन भरा होता है और कुछ स्थानों पर कमर तक गहरा भी होता है।”

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कोर्ट ने अगली सुनवाई 29 अगस्त को निर्धारित की है और सभी संबंधित एजेंसियों से आग्रह किया है कि वे जल्द से जल्द कार्रवाई करें ताकि सैन्यकर्मियों को हो रही कठिनाइयों से राहत मिल सके।

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