बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (MIAL) को बड़ी राहत देते हुए अपनी पूर्व अंतरिम रोक हटा दी, जिससे अब वह तुर्की की कंपनी सेलेबी के अनुबंध समाप्त होने के बाद ग्राउंड और ब्रिज हैंडलिंग सेवाओं के लिए नए ठेकेदार का चयन कर सकेगा।
न्यायमूर्ति सोमशेखर सुंदरेशन की एकल पीठ ने कहा कि मई में दी गई अंतरिम सुरक्षा अब जारी नहीं रखी जा सकती क्योंकि दिल्ली हाईकोर्ट पहले ही इसी तरह के मामले में सेलेबी की याचिका खारिज कर चुका है। उस याचिका में दिल्ली एयरपोर्ट पर सेलेबी के अनुबंध और उसकी सुरक्षा मंजूरी रद्द करने को चुनौती दी गई थी।
न्यायालय ने कहा, “अब यह स्पष्ट है कि प्रतिस्थापन की प्रक्रिया को रोकना संभव और उचित नहीं है। इसलिए दी गई अंतरिम राहत अब न्यायसंगत नहीं रह गई है और इसे समाप्त किया जाता है।”

कोर्ट ने यह भी बताया कि सुरक्षा मंजूरी रद्द होने के बाद सेलेबी के सभी कर्मचारी और उपकरण अब इंडो थाई एयरपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के नियंत्रण में हैं, जो वर्तमान में मुंबई एयरपोर्ट पर ग्राउंड हैंडलिंग और ब्रिज माउंटेड उपकरण सेवाएं प्रदान कर रही है।
“याचिकाकर्ता कंपनी को अब एयरपोर्ट तक कोई भौतिक पहुंच प्राप्त नहीं है,” कोर्ट ने कहा।
कोर्ट ने यह भी बताया कि अनुबंध के तहत दोनों पक्षों के बीच सुलह प्रयास चल रहे हैं और इस आधार पर सेलेबी की दायर याचिकाएं समाप्त कर दी गईं।
यह मामला उस समय उठा जब भारत में तुर्की द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान का समर्थन किए जाने को लेकर विरोध शुरू हुआ। इसके बाद भारत की विमानन सुरक्षा एजेंसी BCAS (ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी) ने सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी थी, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े कारण बताया गया।
सेलेबी ने सुरक्षा मंजूरी रद्द करने और उसके बाद MIAL द्वारा अनुबंध समाप्त किए जाने को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। साथ ही, उसने यह भी अनुरोध किया था कि जब तक मामला अदालत में लंबित है, तब तक MIAL को नए ठेकेदार चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने से रोका जाए।
मई 26 को अवकाशकालीन पीठ ने अंतरिम आदेश जारी कर MIAL को अंतिम निर्णय लेने से रोक दिया था, लेकिन अब यह रोक समाप्त कर दी गई है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने भी अपनी सुनवाई में कहा था कि “राष्ट्र सुरक्षा से जुड़े गंभीर कारणों और भू-राजनीतिक परिस्थितियों” को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा सुरक्षा मंजूरी रद्द करना उचित था।
बॉम्बे हाईकोर्ट की एक खंडपीठ में सेलेबी की मूल याचिका अब गुरुवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है, जिसमें BCAS के निर्णय को चुनौती दी गई है।
बता दें कि सेलेबी कंपनी की भारतीय इकाई — सेलेबी नास एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड — में इसकी 59 प्रतिशत हिस्सेदारी है।