साकेत बार एसोसिएशन (एसबीए) ने 19 जुलाई 2025 को अदालतों में पूरी तरह कामकाज बंद रखने का ऐलान किया है। एसोसिएशन का आरोप है कि दिल्ली पुलिस वकीलों के खिलाफ “पक्षपातपूर्ण और अवैध तरीके से एफआईआर दर्ज कर रही है”। हड़ताल के दौरान वकील न तो शारीरिक रूप से अदालतों में पेश होंगे और न ही वर्चुअल सुनवाई में भाग लेंगे। एसबीए ने पुलिस पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है, खासकर उन मामलों में जहां वकील पक्षकार होते हैं।
साकेत बार एसोसिएशन ने इस हड़ताल का ऐलान अपने आधिकारिक सर्कुलर के जरिए किया। वकीलों की मुख्य शिकायत है कि दिल्ली पुलिस का रवैया पूरी तरह भेदभावपूर्ण है। एसोसिएशन का कहना है कि जब किसी मामले में वकील आरोपी होते हैं, तब पुलिस “हाइपरएक्टिव” होकर तुरंत एफआईआर दर्ज कर लेती है, लेकिन जब पुलिसकर्मियों के खिलाफ वकीलों द्वारा शिकायत दर्ज कराई जाती है, तब पुलिस का रवैया बेहद धीमा और टालमटोल वाला हो जाता है।
एसबीए के अनुसार, पुलिस का यह व्यवहार कानून के सामने समानता और निष्पक्षता के सिद्धांतों को कमजोर करता है। एसोसिएशन का कहना है कि इससे वकीलों में डर और असुरक्षा की भावना पैदा हो रही है कि उन्हें प्रतिशोध की भावना से निशाना बनाया जा सकता है, जबकि उनकी खुद की शिकायतें अनदेखी कर दी जाती हैं।

सर्कुलर में स्पष्ट कहा गया है कि 19 जुलाई को वकील अदालतों का “शारीरिक और वर्चुअल बहिष्कार” करेंगे। हालांकि, एसोसिएशन ने यह भी ध्यान रखा है कि आम जनता को कम से कम असुविधा हो। सर्कुलर में प्रॉक्सी वकील के जरिए केवल उन्हीं मामलों में पेशी की अनुमति दी गई है, जहां किसी जरूरी या आपात स्थिति में प्रतिकूल आदेश (adverse order) आने की आशंका हो।