चांदनी चौक में अवैध निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, गिरफ्तारी और रोज़ाना पुलिस पेट्रोलिंग का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में अदालत द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद जारी अवैध निर्माण पर कड़ी फटकार लगाई और उल्लंघन करने वालों की तत्काल गिरफ्तारी तथा एमसीडी के विध्वंस आदेशों के सख्त क्रियान्वयन का आदेश दिया।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्य बागची की पीठ ने पहले दिए गए निर्देशों की खुली अवहेलना पर गहरी नाराज़गी ज़ाहिर की और दिल्ली नगर निगम (MCD) और दिल्ली पुलिस की निष्क्रियता को लेकर कड़ा रुख अपनाया, विशेषकर उन मामलों में जहां बुजुर्ग निवासियों ने बार-बार राहत की मांग की थी।

पीठ ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, “आप (पुलिस) रोज़ गश्त के लिए टीम तैनात करें, और यदि कोई एक ईंट भी रखता पाया जाए, तो वहीं मौके पर उसकी गिरफ्तारी होनी चाहिए।” अदालत ने अवैध निर्माण को “नगर निगम अधिकारियों की मिलीभगत से चल रही पूरी तरह धोखाधड़ी” बताया।

Video thumbnail

सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि वह चांदनी चौक में लगातार पेट्रोलिंग सुनिश्चित करें और जहां कहीं अवैध निर्माण चल रहा हो (यदि एमसीडी के विध्वंस आदेशों पर कोई स्थगन आदेश नहीं है) वहां तत्काल सीलिंग की जाए। साथ ही, संबंधित क्षेत्र के डीसीपी को अगली सुनवाई पर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का भी आदेश दिया।

READ ALSO  संविदात्मक समझौते के अनुसार, एक बार "कब्जा पत्र" जारी होने के बाद एक घर खरीदार को कब्ज़ा स्वीकार करना होगा: एनसीडीआरसी

कोर्ट ने आवासीय संपत्तियों को व्यावसायिक रूप में परिवर्तित करने पर भी चेतावनी दी, और एक मामले का हवाला दिया जहां एक बुजुर्ग महिला के मकान की ऊपरी मंजिल को अवैध रूप से व्यावसायिक प्रतिष्ठान में तब्दील कर दिया गया। पीठ ने तीखे स्वर में पूछा, “2022 से यह बिल्डर निर्माण कर रहा है… यह बुजुर्ग महिला दर-दर भटकती रही। आपने कुछ नहीं किया। जब हम आदेश देते हैं तब जाकर सब कुछ ढहाते हैं। इतने समय आप कहां थे?”

कोर्ट ने फोटोग्राफिक सबूतों का अवलोकन किया और अवैध निर्माण में शामिल लोगों की गिरफ्तारी का आदेश दिया। पीठ ने चेतावनी दी, “अगर उन्होंने अपनी हरकतें नहीं सुधारीं, तो देखें किसे ज़मानत मिलती है।”

READ ALSO  मुंबई की अदालत ने 2002 के गुजरात बेस्ट बेकरी भीड़ हमले के मामले में दो लोगों को बरी किया

इसके अतिरिक्त, सुप्रीम कोर्ट ने एमसीडी को आदेश दिया कि वह पूरे क्षेत्र का व्यापक निरीक्षण कर एक रिपोर्ट पेश करे और संबंधित बिल्डर की जानकारी भी प्रदान करे, ताकि आगे दंडात्मक कार्रवाई की जा सके।

यह आदेश पहले जारी की गई कई चेतावनियों और अंतरिम आदेशों के बाद आया है, जिनमें 13 मई और 23 मई के आदेश शामिल हैं, जिनके तहत फतेहपुरी क्षेत्र में व्यावसायिक निर्माण पर रोक लगाई गई थी और अवैध गतिविधियों की वीडियो रिकॉर्डिंग की अनुमति दी गई थी। इसके बावजूद, निर्माण कार्य अनवरत जारी रहा, जिससे अदालत को कठोर रुख अपनाना पड़ा।

READ ALSO  व्हाट्सएप नोटिस कमांडिंग ऑफिसर को दरकिनार नहीं कर सकता: राजस्थान हाईकोर्ट ने सैन्यकर्मी के खिलाफ भरण-पोषण का आदेश रद्द किया
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles