सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त नामांकन शुल्क पर रोक लगाने वाले फैसले के अनुपालन पर बीसीआई से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) से यह स्पष्ट करने को कहा है कि गौरव कुमार बनाम यूनियन ऑफ इंडिया व अन्य (रिट याचिका (सिविल) संख्या 352/2023) में दिए गए उसके आदेशों का पालन पूरी तरह किया जा रहा है या नहीं। यह सवाल कर्नाटक स्टेट बार काउंसिल के खिलाफ के. एल. जे. ए. किरण बाबू द्वारा दायर अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान उठा, जिसे न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने 15 जुलाई 2025 को सुना।

मामले की पृष्ठभूमि:
याचिकाकर्ता, जो स्वयं उपस्थित हुए, ने आरोप लगाया कि BCI और विभिन्न राज्य बार काउंसिलें सुप्रीम कोर्ट के पहले के फैसले का पालन नहीं कर रही हैं, विशेषकर नामांकन शुल्क (enrolment fee) के संदर्भ में।

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गौरव कुमार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ये अहम निर्देश दिए थे:

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  • राज्य बार काउंसिल (SBCs) अधिवक्ता अधिनियम की धारा 24(1)(f) में स्पष्ट रूप से निर्धारित फीस से अधिक नामांकन शुल्क नहीं ले सकतीं।
  • SBCs और BCI नामांकन की शर्त के रूप में केवल निर्धारित फीस और स्टांप ड्यूटी के अलावा कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं मांग सकते।
  • निर्धारित सीमा से अधिक फीस वसूलने का निर्णय संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 19(1)(g) (व्यवसाय करने का अधिकार) का उल्लंघन करता है।
  • यह निर्णय Prospective प्रभाव (आगे के लिए लागू) होगा और SBCs को पहले वसूल की गई अतिरिक्त फीस लौटाने की आवश्यकता नहीं होगी।
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पक्षों की दलीलें:
कोर्ट ने विशेष रूप से याचिकाकर्ता से पूछा कि उन्होंने किस हैसियत में यह अवमानना याचिका दायर की, क्योंकि वह स्वयं कोई प्रभावित पक्ष नहीं थे। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि कोई भी व्यक्ति जनहित में अवमानना याचिका दायर कर सकता है। कोर्ट ने फिलहाल इस कानूनी बहस में नहीं पड़ने का निर्णय लिया।

कोर्ट की टिप्पणियां और निर्देश:
फिलहाल नोटिस जारी करने से इनकार करते हुए पीठ ने कहा कि वह पहले यह समझना चाहती है कि क्या मुख्य फैसले (पैरा 109) में दिए गए निर्देशों का सही ढंग से पालन हो रहा है। इसके लिए कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता और BCI के चेयरमैन श्री मनन मिश्रा से व्यक्तिगत रूप से पेश होकर सहायता करने का अनुरोध किया।

कोर्ट ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि श्री मनन मिश्रा को पूरी केस फाइल की एक प्रति उपलब्ध कराई जाए और मामले को अगली सुनवाई के लिए 4 अगस्त 2025 को सूचीबद्ध किया।

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मामले का विवरण:

  • मामला: के. एल. जे. ए. किरण बाबू बनाम कर्नाटक स्टेट बार काउंसिल
  • मामला प्रकार: अवमानना याचिका (सिविल) डायरी संख्या 16629/2025
  • पीठ: न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन

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