मेघालय हाईकोर्ट ने बुधवार को शिलांग के व्यस्त खिंदैलाड क्षेत्र में कार्यरत स्ट्रीट वेंडर्स को आंशिक राहत देते हुए उनके लिए निर्धारित वेंडिंग समय में संशोधन किया है। कोर्ट ने वेंडर्स को अपनी दुकानें लगाने और समेटने के लिए अतिरिक्त समय देने की अनुमति दी है।
मुख्य न्यायाधीश आईपी मुखर्जी और न्यायमूर्ति डब्ल्यू डिएंगदोह की खंडपीठ ने यह आदेश मेघालय एंड ग्रेटर शिलांग प्रोग्रेसिव हॉकर्स एंड स्ट्रीट वेंडर्स एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया। इससे पहले 3 जुलाई को कोर्ट ने वेंडिंग के समय को दो सीमित अवधियों—दोपहर 12:30 बजे से 2 बजे तक और शाम 7:30 बजे से 9 बजे तक—तक सीमित कर दिया था।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए अधिवक्ता पी योबिन ने दलील दी कि इतने सीमित समय में व्यवसायिक गतिविधि करना संभव नहीं है, क्योंकि दुकान लगाने और समेटने में ही पर्याप्त समय लग जाता है।

राज्य सरकार की ओर से पेश एडवोकेट जनरल ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह याचिका कुछ “निहित स्वार्थों” द्वारा प्रेरित है और सरकार पहले ही 22 जुलाई 2025 तक वेंडर्स को निर्धारित वेंडिंग ज़ोन में स्थानांतरित करने की योजना बना चुकी है।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि वेंडर्स दोपहर के सत्र में दोपहर 12 बजे से अपनी दुकानें लगाना शुरू कर सकते हैं, व्यापार दोपहर 2 बजे तक किया जा सकता है और समेटने के लिए 15 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाएगा। इसी प्रकार, शाम के सत्र में दुकानें 7 बजे से लगाई जा सकेंगी, व्यापार रात 9 बजे तक होगा और समेटने का समय 9:15 बजे तक दिया गया है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह विस्तारित समयसीमा संबंधित सार्वजनिक अधिकारियों, विशेष रूप से कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेष अधिकारी, द्वारा सख्ती से निगरानी की जानी चाहिए। इसके साथ ही, ट्रैफिक विभाग को निर्देश दिया गया कि संभावित भीड़भाड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाए।
अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी।