दिल्ली हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को 2022 में उदयपुर के दर्जी कन्हैयालाल की हत्या पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज़ से संबंधित सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों पर स्पष्टता मांगी है।
मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति अनीश दयाल की पीठ ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगाने की याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया था और मौखिक रूप से कहा था, “फिल्म को रिलीज़ होने दीजिए।” हाईकोर्ट ने पक्षकारों से पूछा कि क्या शीर्ष अदालत की यह मौखिक टिप्पणी फिल्म की स्क्रीनिंग की अनुमति मानी जाए, जिसकी रिलीज़ की तारीख 11 जुलाई तय है।
फिल्म पर प्रतिबंध की मांग कर रहे याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने केवल तत्काल सुनवाई की मांग को खारिज किया था, न कि स्थगन याचिका की मेरिट पर कोई निर्णय दिया। उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने केस फाइल भी नहीं देखी। केवल मेंशनिंग खारिज हुई थी, स्थगन की मांग नहीं।” उन्होंने शीर्ष अदालत से आधिकारिक स्पष्टीकरण प्राप्त करने के लिए समय की मांग की।

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को फिल्म निर्माता को निर्देश दिया था कि वह याचिकाकर्ताओं के लिए फिल्म की स्क्रीनिंग आयोजित करें। इस मामले की अगली सुनवाई आज दोपहर 2:30 बजे होगी।
फिल्म में जून 2022 में हुई दर्जी कन्हैयालाल की हत्या की पृष्ठभूमि है, जिनकी कथित तौर पर मोहम्मद रियाज़ और मोहम्मद गौस ने हत्या कर दी थी। आरोपियों ने हत्या का वीडियो जारी कर दावा किया था कि यह हत्या कन्हैयालाल द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा के बयान के समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट डालने के जवाब में की गई थी। यह मामला फिलहाल जयपुर की एक विशेष एनआईए अदालत में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत चल रहा है।