बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने शुक्रवार को परभणी में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद हिरासत में लिए गए 35 वर्षीय सोमनाथ सूर्यवंशी की न्यायिक हिरासत में हुई मौत के मामले में एक सप्ताह के भीतर FIR दर्ज करने का आदेश दिया है।
अंतरिम आदेश में कोर्ट ने परभणी के मोंढा पुलिस स्टेशन के निरीक्षक को 18 दिसंबर 2024 को दर्ज की गई शिकायत पर कार्रवाई करने और आपराधिक कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही ज़िला पुलिस अधीक्षक को जांच एक डिप्टी एसपी रैंक के अधिकारी को सौंपने को कहा गया है।
सूर्यवंशी को संविधान की कांच में रखी गई प्रति की अपवित्रता के बाद भड़की हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था और 15 दिसंबर को एक सरकारी अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई थी। हालांकि पुलिस ने मौत का कारण बीमारी बताया था, लेकिन बाद में हुई मजिस्ट्रेट जांच में खुलासा हुआ कि सूर्यवंशी के साथ नवा मोंढा थाने में मारपीट की गई थी।

महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग ने मजिस्ट्रेट की इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि जिन पुलिस अधिकारियों के नाम रिपोर्ट में हैं, वही उनकी मौत के लिए जिम्मेदार हैं।
यह आपराधिक रिट याचिका सूर्यवंशी की मां विजयाबाई सूर्यवंशी द्वारा दाखिल की गई थी, जिनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रकाश अंबेडकर ने पैरवी की।
मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी।