मेघालय हाईकोर्ट ने शिलांग के पुलिस बाजार में स्ट्रीट वेंडर्स की बेदखली की निगरानी के लिए विशेष अधिकारी नियुक्त किया

मेघालय हाईकोर्ट ने शिलांग के व्यस्त व्यावसायिक क्षेत्र ख्यंदैलाड (पुलिस बाजार) में चल रहे स्ट्रीट वेंडर्स की बेदखली अभियान की कड़ी निगरानी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता शुभासिस चक्रवर्ती को विशेष अधिकारी नियुक्त किया है। यह नियुक्ति यह सुनिश्चित करने के लिए की गई है कि बेदखली की प्रक्रिया कानून के तहत हो और इस दौरान शांति बनी रहे।

यह कदम शिलांग रोडसाइड हॉकर एसोसिएशन द्वारा दाखिल एक जनहित याचिका (PIL) के बाद उठाया गया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अधिकारियों द्वारा वेंडर्स को जबरन हटाया जा रहा है, जबकि उन्हें वैकल्पिक वेंडिंग ज़ोन आवंटित नहीं किए गए हैं।

मुख्य न्यायाधीश आईपी मुखर्जी और न्यायमूर्ति डब्ल्यू. दियेन्गदोह की खंडपीठ ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान विशेष अधिकारी को संपूर्ण बेदखली प्रक्रिया की निगरानी करने, लाइसेंस प्राप्त वेंडर्स की सत्यापित सूची तैयार करने तथा स्थानीय प्रशासन और हॉकर एसोसिएशन के साथ समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया।

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खंडपीठ ने कहा, “सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि विशेष अधिकारी अपनी व्यापक जानकारी, अनुभव, परिपक्वता और व्यवहारिक बुद्धिमत्ता के साथ यह सुनिश्चित करेंगे कि इस जनहित याचिका में पारित हमारे आदेशों का पालन बिना किसी शांति भंग या अपराध की स्थिति के हो।”

जब तक वेंडर्स का पुनर्वास नहीं हो जाता, कोर्ट ने लाइसेंस प्राप्त हॉकरों को सीमित समय के लिए — दोपहर 12:30 बजे से 2 बजे तक और रात 7:30 बजे से 9 बजे तक — अस्थायी वेंडिंग की अनुमति दी है, यह शर्त रखते हुए कि ट्रैफिक या पैदल यात्रियों की आवाजाही में कोई बाधा नहीं होनी चाहिए। बिना लाइसेंस वाले वेंडर्स को संचालन की अनुमति नहीं दी गई है।

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हॉकर एसोसिएशन ने कोर्ट को एक शपथपत्र देकर आश्वासन दिया कि जैसे ही राज्य सरकार द्वारा वेंडिंग ज़ोन आवंटित किए जाएंगे, सभी वेंडर्स वहां स्थानांतरित कर दिए जाएंगे। कोर्ट के निर्देशों का पालन न करने वाले वेंडर्स को तुरंत हटाया जाएगा।

खंडपीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि अन्य इच्छुक वेंडर्स भी वेंडिंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिन्हें कानून के अनुसार प्रक्रिया में लाया जाएगा और इन आवेदनों पर अगली सुनवाई में आधिकारिक रिपोर्टों के आधार पर विचार किया जाएगा।

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राज्य सरकार ने पुनर्वास योजना के तहत तीन वैकल्पिक वेंडिंग स्थल चिह्नित किए हैं और प्रत्येक हॉकर को ₹20,000 की एकमुश्त सहायता राशि देने की घोषणा की है।

विशेष अधिकारी को इस संबंध में अनुपालन रिपोर्ट 5 अगस्त तक प्रस्तुत करनी होगी, जिसे अगली सुनवाई में कोर्ट द्वारा देखा जाएगा।

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