दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज की एक छात्रा के साथ कथित बलात्कार के मामले में मुख्य आरोपी के रूप में नाम सामने आने के बाद पश्चिम बंगाल बार काउंसिल ने अधिवक्ता मनोजित मिश्रा का लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह निर्णय बार काउंसिल की 2 जुलाई को हुई बैठक में लिया गया, जो इस घटना से संबंधित औपचारिक शिकायत प्राप्त होने के सात दिन बाद हुआ।
काउंसिल ने मिश्रा का नाम अपने अधिवक्ताओं की आधिकारिक सूची से हटाने और इस निर्णय की जानकारी बार काउंसिल ऑफ इंडिया को भेजने का भी फैसला किया है। इसके साथ ही मिश्रा अब राज्य के किसी भी न्यायालय में वकालत नहीं कर सकेंगे।
माना जा रहा है कि मनोजित मिश्रा तृणमूल कांग्रेस की छात्र इकाई (टीएमसीपी) में एक महत्वपूर्ण पद पर थे और अलीपुर कोर्ट में वकालत कर रहे थे। इस मामले में मिश्रा समेत कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। घटना ने राज्य में व्यापक जन आक्रोश को जन्म दिया है, जिसके चलते कोलकाता पुलिस की एक विशेष जांच टीम (SIT) और खुफिया विभाग ने मामले की गहन जांच शुरू की है। यह केस अब कोलकाता पुलिस की डिटेक्टिव विभाग को सौंप दिया गया है।

मामले से जुड़े अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज की गवर्निंग बॉडी ने मनोजित मिश्रा को कॉलेज में उनके अस्थायी पद से निष्कासित कर दिया है। कॉलेज से जुड़े दो छात्रों को भी निष्कासित किया गया है।