[अपहरण मामला] एडीजीपी जयाराम की गिरफ्तारी के हाईकोर्ट आदेश के बाद निलंबन पर सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से की कड़ी पूछताछ

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तमिलनाडु सरकार से अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) एच.एम. जयाराम के निलंबन को लेकर कड़ी नाराज़गी जताई। कोर्ट ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई “चौंकाने वाली और हतोत्साहित करने वाली” है।

न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने इस पर चिंता जताई जब उन्हें बताया गया कि मद्रास हाईकोर्ट के आदेश पर जयाराम को अपहरण मामले में हिरासत में लिया गया था और फिर मंगलवार शाम 5 बजे रिहा कर दिया गया। राज्य सरकार के वकील ने गिरफ्तारी और रिहाई दोनों की पुष्टि की।

READ ALSO  गुजरात की अदालत ने 2013 में दायर बलात्कार के मामले में स्वयंभू संत आसाराम बापू को दोषी ठहराया; 31 जनवरी को सजा का आदेश आयेगा

हालांकि, जयाराम के वकील ने बताया कि पुलिस द्वारा रिहा किए जाने के बावजूद सरकार ने उन्हें सेवा से निलंबित कर दिया है। इस पर पीठ ने टिप्पणी की, “वह एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हैं। उन्हें निलंबित करने की आवश्यकता कहां थी? इस तरह के आदेश चौंकाने वाले और हतोत्साहित करने वाले हैं।” कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील से कहा कि वे इस मुद्दे पर निर्देश लें और गुरुवार को कोर्ट को सूचित करें कि क्या निलंबन वापस लिया जा सकता है।

जयाराम ने मद्रास हाईकोर्ट के 16 जून के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें पुलिस को उन्हें “सिक्योर” करने को कहा गया था। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति दी।

READ ALSO  बैंक पर से विश्वास ख़त्म नहीं होना चाहिए- हाईकोर्ट ने SBI के कर्मचारी की बर्खास्तगी को सही माना

जयाराम की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी का आदेश बिना ठोस कारण के केवल दो अभियुक्तों के कथित इकबालिया बयानों के आधार पर दिया था, जिनकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की गई। अधिवक्ता राजेश सिंह चौहान द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया कि 16 जून का आदेश उचित आधार से रहित है।

अब यह मामला गुरुवार को फिर से सुप्रीम कोर्ट में सुना जाएगा, जब तमिलनाडु सरकार को जयाराम के निलंबन को लेकर अपना पक्ष स्पष्ट करना होगा।

READ ALSO  Cheque Bounce: SC Rules if Accused Disputes Sign on Cheque, Certified Copy of Specimen Signature From Bank Can be Procured
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles