वरिष्ठ अधिवक्ता और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अदिश सी. अग्रवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की कानूनी प्रणाली में आए परिवर्तनों पर आधारित एक नई पुस्तक ‘Modi’s Niti Shastra: The World’s His Oyster’ का विमोचन किया है। यह पुस्तक मोदी सरकार के तीन कार्यकालों में लागू की गई कानूनी पहलों, विधायी बदलावों और संस्थागत सुधारों की गहन समीक्षा प्रस्तुत करती है।
रविवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह पुस्तक प्रधानमंत्री मोदी के 11 वर्षों के अभूतपूर्व कार्यकाल के दौरान हुए व्यापक कानूनी सुधारों को रेखांकित करती है—एक ऐसा पक्ष जिसे मुख्यधारा की चर्चाओं में अपेक्षाकृत कम ध्यान मिला है।
विज्ञप्ति में कहा गया, “जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार 11 वर्षों के कार्यकाल को पूरा कर रहे हैं, तो उनकी राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक समावेशन, नागरिक कल्याण, राष्ट्रीय सुरक्षा और शासन में लायी गई परिवर्तनकारी नीतियों पर व्यापक चर्चा हो रही है।”

“फिर भी, एक महत्वपूर्ण क्षेत्र जिस पर अपेक्षाकृत कम ध्यान दिया गया है, वह है उनके नेतृत्व में भारत के कानूनी ढांचे का असाधारण रूपांतरण।” — यह टिप्पणी पुस्तक की विषयवस्तु को रेखांकित करती है।
लेखक ने इस पुस्तक को एक “कानूनी क्रांति का दस्तावेज” बताया है, जिसमें मोदी शासन के दौरान किये गये विधायी प्रयासों, नीति-सुधारों और ढांचागत परिवर्तनों का सिलसिलेवार वर्णन किया गया है। पुस्तक उन विधानों और न्यायिक परिवर्तनों को भी रेखांकित करती है, जो नागरिकों के अधिकारों, न्याय तक पहुंच और सुशासन को प्रभावित करते हैं।
यह पुस्तक न केवल विधि-क्षेत्र से जुड़े पाठकों बल्कि नीति-निर्माताओं, शोधकर्ताओं और आम नागरिकों के लिए भी उपयोगी मानी जा रही है, जो भारत की विधिक यात्रा को प्रधानमंत्री मोदी के युग में समझना चाहते हैं।