बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र चैरिटी कमिश्नर की वेबसाइट के लंबे समय से ठप रहने को गंभीरता से लिया है और राज्य सरकार तथा चैरिटी कमिश्नर कार्यालय को निर्देश दिया है कि वे आपसी तालमेल से इसे तत्काल पूरी तरह चालू करें।
यह आदेश न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति अद्वैत सेठना की खंडपीठ ने श्रद्धा मोरे द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान जारी किया। याचिका में शिकायत की गई थी कि राज्य चैरिटी कमिश्नर के अधीन नियुक्त अधिकारियों के समक्ष मामलों की ई-फाइलिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
पीठ ने कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि चैरिटी कमिश्नर की वेबसाइट में गंभीर समस्याएं हैं।” कोर्ट ने यह भी नोट किया कि चैरिटी कमिश्नर कार्यालय ने वेबसाइट के चालू होने की रिपोर्ट दी थी, जो कि जमीनी हकीकत से अलग थी।
चैरिटी कमिश्नर की रिपोर्ट के अनुसार, वेबसाइट अगस्त 2016 से चालू है और इसका प्रबंधन महाराष्ट्र इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी कॉरपोरेशन लिमिटेड (MAHA IT) द्वारा किया जा रहा है। लेकिन हर महीने 500 जीबी सर्वर स्पेस की आवश्यकता होने के बावजूद, यह पर्याप्त रूप से उपलब्ध नहीं कराया जा रहा था जिससे वेबसाइट कई दिनों तक बंद रही।
हालांकि हाल में 14.99 टेराबाइट स्पेस मुहैया कराया गया, फिर भी तकनीकी खामियों के चलते वेबसाइट कार्य नहीं कर पाई। रिपोर्ट में दावा किया गया कि ये खामियां अब दूर कर दी गई हैं और वेबसाइट फिलहाल सुचारु रूप से चल रही है। साथ ही, एक नई वेबसाइट भी एक सक्षम एजेंसी के माध्यम से तैयार की जा रही है।
दूसरी ओर MAHA IT ने कोर्ट को बताया कि चैरिटी कमिश्नर कार्यालय से कई मुद्दों पर जवाब मिलने में देरी हुई, जिससे जरूरी तकनीकी कार्य किए जाने में बाधा आई।
इस पर हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि चैरिटी कमिश्नर एक अधिकारी को नामित करें, जो MAHA IT की वार्षिक रखरखाव अनुबंध टीम के साथ समन्वय स्थापित करे।
कोर्ट ने आदेश दिया, “सर्वर को अपग्रेड करने और नवीनतम तकनीकी जरूरतों की स्थापना का कार्य जल्द से जल्द, और अधिकतम तीन सप्ताह में पूरा किया जाए।”
इसके साथ ही, कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया कि वह तुरंत आवश्यक वित्तीय सहायता मुहैया कराए ताकि सर्वर अपग्रेड और क्लाउड स्पेस की खरीद संभव हो सके।
कोर्ट ने यह भी पाया कि सहायक और उप-चैरिटी कमिश्नर वेबसाइट पर अद्यतन जानकारी अपलोड नहीं कर रहे थे। इस पर टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा, “चैरिटी कमिश्नर यह सुनिश्चित करें कि उनके सभी अधिकारी/कर्मचारी मामलों की कार्यवाही और आदेशों को समय पर वेबसाइट पर अपडेट करें। इसमें किसी भी प्रकार की देरी नहीं होनी चाहिए।”
हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 11 जून तय की है, तब तक राज्य सरकार और चैरिटी कमिश्नर कार्यालय को अपने अनुपालन हलफनामे दाखिल करने होंगे।
तब तक के लिए, कोर्ट ने यह अनुमति दी है कि वेबसाइट पूरी तरह चालू न होने की स्थिति में संबंधित पक्ष मैन्युअल/ऑफलाइन फाइलिंग कर सकते हैं।