अधिवक्ता परिषद अवध कि दो दिवसीय प्रदेश परिषद बैठक का आयोजन दिनांक 24-25 मई 2025 को साईं मण्डप, देवा रोड़, जनपद बाराबंकी स्थित में हुआ। इस बैठक में अधिवक्ता परिषद अवध कि समस्त 17 इकाइयों के प्रतिनिधि व अन्य अतिथिगण शामिल हुए।
दिनांक 24 मई को बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि माननीय न्यायमूर्ति श्री कृष्ण पहल, न्यायमूर्ति इलाहाबाद उच्च न्यायालय, ने उपस्थित प्रतिनिधियों से न्यायिक व्यवस्था को और प्रभावी रूप से कार्यान्वित करने के लिए सतत् अध्ययन करने की आदत को अपनाने पर बल देते हुए कहा कि अध्ययन का कोई विकल्प नहीं है। विशिष्ट अतिथि माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश, बाराबंकी श्रीमती प्रतिमा श्रीवास्तव ने समरसता एवं समानता में समन्वय स्थापित किए जाने की आवश्यकता के सम्बन्ध में अपने विचार प्रस्तुत किए।बाराबंकी इकाई के अध्यक्ष श्री कौशल किशोर त्रिपाठी एवं महामंत्री श्री सचिन प्रताप सिंह ने समस्त सम्मानित अतिथियों का प्रतीक चिह्न एवं अंग वस्त्र भेंट कर के उनका स्वागत किया। अधिवक्ता परिषद अवध कि प्रदेश महामंत्री श्रीमती मीनाक्षी परिहार सिंह के द्वारा मंच संचालन किया गया।
इसके उपरांत बैठक के प्रथम सत्र में मुख्य वक्त विशेष सचिव (न्याय) व अतिरिक्त एल. आर., उत्तर प्रदेश सरकार श्री बालकृष्ण एन. रंजन ने ‘प्रक्रिया एवं त्वरित न्याय: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 में प्रक्रियात्मक सुधारों का मूल्यांकन’ विषय पर अपने विचार व्यक्त किए।
द्वितीय सत्र में अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के संगठन मंत्री (उत्तर क्षेत्र) श्री श्रीहरि बोरिकर ने इकाइयों के प्रतिनिधियों के साथ संगठन के विषय में विस्तृत चर्चा कर परिषद के संगठन के कार्यक्रमों, कार्यों व भूमिका पर विचार प्रकट किए।
तृतीय सत्र में अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के संगठन मंत्री (उत्तर क्षेत्र) श्री श्रीहरि बोरिकर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री सत्य प्रकाश राय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सीमा सिंह, राष्ट्रीय मंत्री श्री चरण सिंह त्यागी द्वारा इकाइयों के प्रतिनिधियों के साथ मुक्त चिंतन किया गया, जिसमें इकाइयों के प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार रखें।
बैठक के अंतिम दिन दिनांक 25 मई को चतुर्थ सत्र में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, लखनऊ, भोपाल व जबलपुर के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बलराज चौहान ने सिद्धांत आधारित अपराधीकरण के माध्यम से विधि के शासन को सुदृढ़ बनाना’ पुलिस प्रशासन द्वारा किसी व्यक्ति को अपराधी घोषित करते समय जिम्मेदारी व निष्पक्षता से कार्य करना चाहिए और संविधान तथा न्याय संहिता में निर्धारित सिद्धांतों का पालन करना चाहिए, जिससे कि न्याय व्यस्था सुचारू व सतत रूप से चलती रहे।
पंचम सत्र में अपर पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश व यू. पी. स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस के निदेशक डॉ. जी. के. गोस्वामी ने “आपराधिक न्याय प्रणाली में फॉरेंसिक विज्ञान का महत्व” विषय पर उद्बोधन करते हुए बताया कि अभियोजन द्वारा अपराधियों की दोषसिद्धि में फॉरेंसिक विज्ञान का अत्यधिक महत्व है। उन्होंने क्राइम सीन रिक्रिएशन और स्पॉट इंस्पेक्शन के विशेष महत्व को उल्लिखित किया।
छठे सत्र में भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल (से.) श्री अनिल पूरी ने “भारत व पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि का निलंबन” विषय पर विस्तृत व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान द्वारा पोषित आतंकवाद को अब हर प्रकार से मुंहतोड़ जवाब दिया जाना है और वर्तमान परिपेक्ष्य में सिंधु जल संधि का निलंबन एक उत्कृष्ट निर्णय है। प्रदेश अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता श्री ओ. पी. श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापन में बैठक में आए सभी अतिथियों व प्रतिनिधियों को सफल बैठक के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
समारोप सत्र में राष्ट्रीय पदाधिकारियों व प्रदेश पदाधिकारियों ने बैठक में आए समस्त इकाइयों के प्रतिनिधियों के साथ साथ बाराबंकी इकाई के अध्यक्ष श्री कौशल किशोर त्रिपाठी, महामंत्री श्री सचिन प्रताप सिंह व समस्त बाराबंकी इकाई को बैठक उत्कृष्ट आयोजन के लिए बधाई दिया।
बैठक के विभिन्न सत्रों में आए सभी अतिथिगणों को प्रतीक चिन्ह एवं अंग वस्त्र भेंट कर स्वागत किया गया।
इस अवसर पर अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के संगठन मंत्री (उत्तर क्षेत्र) श्री श्रीहरि बोरिकर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री सत्य प्रकाश राय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सीमा सिंह, राष्ट्रीय मंत्री श्री चरण सिंह त्यागी, लिटिगेशन आयाम प्रमुख श्री विपिन त्यागी, राष्ट्रीय परिषद सदस्यगण, प्रदेश अध्यक्ष श्री ओ.पी. श्रीवास्तव, महामंत्री श्रीमती मीनाक्षी परिहार सिंह, उपाध्यक्ष श्री अनिल कुमार पाण्डेय, श्री अनिल कुमार दूबे, कोषाध्यक्ष श्री प्रेम चंद्र राय, मंत्री श्री अमर बहादुर सिंह, सुश्री रंजीत बाल्मीकि, श्री सिद्धार्थ शंकर दूबे, कार्यालय मंत्री श्री आशुतोष शाही, सदस्य श्रीमती पूजा सिंह, श्री अजय कुमार त्रिपाठी, आयोजक इकाई बाराबंकी के अध्यक्ष श्री कौशल किशोर त्रिपाठी, महामंत्री श्री सचिन प्रताप सिंह, श्रवण सिंह के साथ समस्त बाराबंकी इकाई कि कार्यकारिणी, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बाराबंकी श्रीमती सुधा सिंह, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बाराबंकी श्री क्षितिज पाण्डेय व अधिवक्ता परिषद के सदस्यगण उपस्थित रहे।