उत्तराखंड हाईकोर्ट 2016 के चर्चित शक्तिमान घोड़े की मौत के मामले में 9 जून को एक नई याचिका पर सुनवाई करेगा। यह याचिका पिथौरागढ़ निवासी होशियार सिंह बिष्ट ने दायर की है, जिसमें आरोपियों को सजा दिलाने की मांग की गई है।
न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकल पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। इससे पहले दिसंबर 2024 में हाईकोर्ट ने बिष्ट की याचिका पर सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया था, लेकिन नई याचिका के चलते अब फिर से सुनवाई की जाएगी।
क्या है मामला?
मार्च 2016 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ विधानसभा का घेराव किया था। इस दौरान हुई धक्का-मुक्की में पुलिस का घोड़ा शक्तिमान गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसकी बाद में मौत हो गई।
इस घटना का आरोप तत्कालीन भाजपा विधायक गणेश जोशी पर लगा था, जो वर्तमान में पुष्कर सिंह धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। बिष्ट की याचिका के अनुसार, जोशी ने लाठी से शक्तिमान की टांग तोड़ी थी जिससे उसकी जान चली गई।
घटना के बाद 23 अप्रैल 2016 को देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाना में जोशी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी और 16 मई 2016 को चार्जशीट भी दाखिल की गई थी।
राज्य सरकार ने वापस लिया था मामला
राज्य सरकार ने बाद में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम), देहरादून की अदालत में मुकदमा वापस लेने का आवेदन दिया, जिसके बाद 23 सितंबर 2021 को गणेश जोशी को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया।
अदालत ने यह कहते हुए मामला खारिज कर दिया था कि बिष्ट न तो मामले में शिकायतकर्ता हैं और न ही गवाह।
हाईकोर्ट से न्याय की मांग
होशियार सिंह बिष्ट ने अब हाईकोर्ट में एक नई याचिका दाखिल कर निचली अदालत के फैसले को पलटने और जोशी व अन्य जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। उनका कहना है कि इस मामले में न्याय नहीं हुआ है और एक सरकारी जानवर की मौत को हल्के में नहीं लिया जा सकता।
यह मामला न केवल राजनीतिक प्रदर्शनों की मर्यादा पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि सरकारी पशुओं के साथ क्रूरता के मामलों में न्यायिक हस्तक्षेप की भी परीक्षा है।
अब इस याचिका पर सुनवाई 9 जून को नैनीताल स्थित उत्तराखंड हाईकोर्ट में होगी।