बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने एक महिला को उसके पति द्वारा लगाए गए विवाहेतर संबंध के आरोप की जांच के लिए अपना वॉयस सैंपल देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि तकनीक के विकास के चलते अब कानूनी मामलों में पारंपरिक साक्ष्यों की जगह इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य ले रहे हैं।
न्यायमूर्ति शैलेश ब्रह्मे ने 9 मई को यह आदेश पारित करते हुए कहा कि घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम (Protection of Women from Domestic Violence Act) में वॉयस सैंपल देने का प्रावधान नहीं है, लेकिन चूंकि यह मामला अर्ध-नागरिक और अर्ध-आपराधिक प्रकृति का है, इसलिए ऐसा निर्देश दिया जाना उचित है।
यह आदेश उस याचिका पर आया जिसमें एक व्यक्ति ने फैमिली कोर्ट में अपनी पत्नी के कथित विवाहेतर संबंधों को साबित करने के लिए प्रस्तुत की गई वॉयस रिकॉर्डिंग की पुष्टि के लिए उसकी आवाज का नमूना मांगा था। महिला ने रिकॉर्डिंग की प्रामाणिकता को चुनौती देते हुए कहा था कि वह आवाज उसकी नहीं है और पति द्वारा पेश किए गए मेमोरी कार्ड और सीडी को मूल मोबाइल फोन के अभाव में सबूत के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
हालांकि हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे आपत्तियों पर ट्रायल के दौरान विचार किया जाएगा। न्यायमूर्ति ब्रह्मे ने टिप्पणी की, “तकनीक के आगमन के कारण इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य पारंपरिक साक्ष्यों की जगह ले रहे हैं, इसलिए मजिस्ट्रेट, जो तथ्य खोजने वाली संस्था है, को अधिक अधिकार देने की आवश्यकता है।”
यह मामला तब शुरू हुआ जब महिला ने अपने पति और ससुरालवालों के खिलाफ घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया। जवाब में पति ने कथित बातचीत की रिकॉर्डिंग कोर्ट में पेश की जिसमें महिला और उसके कथित प्रेमी की बातचीत दर्ज होने का दावा किया गया।
अहिल्यानगर जिले के पारनेर स्थित मजिस्ट्रेट कोर्ट ने फरवरी 2024 में पति की वॉयस सैंपल लेने की याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसने हाईकोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रेट के आदेश को रद्द करते हुए महिला को तीन सप्ताह के भीतर वॉयस सैंपल फॉरेंसिक जांच के लिए देने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति ब्रह्मे ने यह भी स्पष्ट किया कि घरेलू हिंसा से जुड़े मामलों में पक्षकारों की स्थिति पारंपरिक आपराधिक कानून में परिभाषित सूचनाकर्ता (informant) और अभियुक्त (accused) जैसी नहीं होती, क्योंकि विवाद घरेलू संबंधों के दायरे में उत्पन्न होता है।
अब महिला का वॉयस सैंपल फॉरेंसिक प्रयोगशाला में भेजा जाएगा ताकि पति द्वारा प्रस्तुत रिकॉर्डिंग के साथ उसकी तुलना की जा सके।