इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले वर्ष 24 नवंबर को संभल में भड़की हिंसा में कथित रूप से शामिल तीन युवकों को जमानत दे दी है।
न्यायमूर्ति डॉ. गौतम चौधरी ने जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए फैजान, शेन आलम और मोहम्मद रिहान की रिहाई का आदेश दिया। यह घटना संभल के कोट गर्वी इलाके में मुग़लकालीन शाही जामा मस्जिद के अदालती आदेश पर कराए जा रहे सर्वे के दौरान हुई थी, जिसमें स्थानीय लोगों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पों में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे।
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि हिंसा के बाद 700-800 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें फायरिंग की गई और एक पुलिसकर्मी के पैर में गोली लग गई थी।

हालांकि, अभियुक्तों के वकील ने तर्क दिया कि तीनों युवकों पर कोई विशिष्ट आरोप नहीं लगाया गया है। साथ ही यह भी कहा गया कि पुलिसकर्मी को जो चोट लगी, वह शरीर के ऐसे हिस्से में थी जो जीवन के लिए खतरा नहीं थी। अभियुक्तों ने अदालत को आश्वस्त किया कि वे जांच में सहयोग करेंगे और अदालत द्वारा लगाए गए सभी शर्तों का पालन करेंगे।
वकील ने यह भी बताया कि तीनों आरोपी 28 नवंबर 2024 से जेल में हैं और उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।
अदालत ने कहा, “समग्र तथ्यों और परिस्थितियों, आरोपों की प्रकृति, अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए और मामले के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त किए बिना, यह अदालत इस मामले को जमानत के लिए उपयुक्त मानती है।”