ब्रेकिंग: CJI खन्ना ने जस्टिस यशवंत वर्मा पर सुप्रीम कोर्ट की इन-हाउस जांच रिपोर्ट राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को सौंपी

नई दिल्ली, 8 मई 2025 — भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की इन-हाउस जांच समिति की रिपोर्ट औपचारिक रूप से भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को सौंप दी है। इस रिपोर्ट के साथ जस्टिस वर्मा का लिखित प्रत्युत्तर भी संलग्न किया गया है।

पृष्ठभूमि: आवास पर आग के दौरान नकदी की बरामदगी

यह मामला 14 मार्च को सामने आया, जब नई दिल्ली स्थित जस्टिस यशवंत वर्मा के आधिकारिक आवास पर आग लग गई। दमकलकर्मियों द्वारा आग बुझाने के दौरान कथित रूप से भारी मात्रा में बेहिसाब नकदी बरामद हुई। बाद में वायरल हुए वीडियो में जली हुई मुद्रा की गड्डियां आग की लपटों में जलती हुई दिखाई दीं। घटना के समय जस्टिस वर्मा और उनकी पत्नी आवास पर मौजूद नहीं थे; वहां केवल उनकी बेटी और वृद्ध मां मौजूद थीं।

इन-हाउस समिति और उसकी जांच

मुख्य न्यायाधीश खन्ना ने 22 मार्च को इस मामले की जांच के लिए एक इन-हाउस समिति का गठन किया, जिसमें शामिल थे:

  • मुख्य न्यायाधीश शील नागू (पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट)
  • मुख्य न्यायाधीश जी.एस. संधावालिया (हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट)
  • जस्टिस अनु शिवरामन (कर्नाटक हाईकोर्ट)
READ ALSO  आपराधिक और दीवानी मामले एक साथ तभी शुरू किए जा सकते हैं जब आपराधिकता का कोई तत्व शामिल हो: हाईकोर्ट

समिति ने अग्निशमन विभाग और पुलिस विभाग के कई अधिकारियों से पूछताछ की और घटनास्थल से ली गई जली हुई मुद्रा की तस्वीरों की जांच की।

समिति ने 4 मई को रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें कहा गया कि आरोपों में “विश्वसनीयता” है और जस्टिस वर्मा इस मामले में “दायित्वपूर्ण” हैं।

जस्टिस वर्मा का प्रत्युत्तर और अनुशंसित कार्रवाई

इस समय इलाहाबाद हाईकोर्ट में कार्यरत जस्टिस वर्मा को अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया गया था। अपने प्रत्युत्तर में उन्होंने अपने आवास पर किसी भी नकदी की मौजूदगी से इनकार किया और इसे अपने विरुद्ध “बदनाम करने की साजिश” बताया।

READ ALSO  कब होंगी CLAT 2023 और 2024 की परीक्षा- जानिए यहाँ

सूत्रों के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश खन्ना ने उन्हें इस्तीफा देने का विकल्प दिया है। यदि वह इस्तीफा नहीं देते हैं, तो समिति ने भारत के राष्ट्रपति से संविधान के अनुच्छेद 217 के अंतर्गत महाभियोग की कार्यवाही प्रारंभ करने की सिफारिश की है।

कार्यवाही की समयरेखा और संभावित प्रभाव

मुख्य न्यायाधीश खन्ना, जो 13 मई को सेवानिवृत्त होने वाले हैं, इस मामले में कार्रवाई को अपने कार्यकाल के भीतर समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। समिति की रिपोर्ट और जस्टिस वर्मा के प्रत्युत्तर को राष्ट्रपति को सौंपना इस प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण चरण है।

READ ALSO  जोखिमों की जानकारी न देना नजरअंदाज नहीं किया जा सकता: मेडिकल लापरवाही मामले में एनसीडीआरसी ने ₹75 लाख मुआवजे का आदेश दिया

यदि जस्टिस वर्मा इस्तीफा देने से इनकार करते हैं, तो अगला कदम संसद में महाभियोग प्रस्ताव भेजने हेतु राष्ट्रपति की सिफारिश हो सकती है।

प्रमुख घटनाओं की सारणी

दिनांकघटना
14 मार्चजस्टिस वर्मा के आवास पर आग; बेहिसाब नकदी की कथित बरामदगी
22 मार्चमुख्य न्यायाधीश खन्ना द्वारा इन-हाउस जांच समिति का गठन
4 मईसमिति द्वारा आरोपों को सही मानते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत
7–8 मईरिपोर्ट और जस्टिस वर्मा का प्रत्युत्तर राष्ट्रपति को सौंपा गया
9 मईजस्टिस वर्मा के औपचारिक प्रत्युत्तर की अंतिम तिथि

अब यह मामला भारत के राष्ट्रपति के पास विचाराधीन है, और न्यायपालिका उस निर्णय की प्रतीक्षा कर रही है, जिससे एक विरल स्थिति—किसी कार्यरत हाईकोर्ट के जज के विरुद्ध महाभियोग की कार्यवाही—का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।

Video thumbnail

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles