AAP विधायक अमानतुल्लाह खान की अग्रिम जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान से उस याचिका पर जवाब मांगा है जिसमें उनके खिलाफ पुलिसकर्मियों पर हमले के एक कथित मामले में मिली अग्रिम जमानत को चुनौती दी गई है।

न्यायमूर्ति रविंदर दुजेटा ने ओखला से विधायक खान को नोटिस जारी किया और ट्रायल कोर्ट द्वारा 25 फरवरी को दी गई जमानत राहत के खिलाफ दिल्ली पुलिस की अपील पर उनका पक्ष मांगा।

यह मामला 10 फरवरी को दर्ज हुआ था, जब खान पर आरोप लगा कि उन्होंने जामिया नगर में एक भीड़ का नेतृत्व किया और हत्या के प्रयास के एक मामले में वांछित घोषित आरोपी शाहवेज खान को पुलिस की हिरासत से भागने में मदद की। यह घटना तब हुई जब क्राइम ब्रांच की टीम शाहवेज को गिरफ्तार करने पहुंची थी।

दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील ने तर्क दिया कि ट्रायल कोर्ट ने अग्रिम जमानत देते समय इस तरह के मामलों में अपनाई जाने वाली कसौटियों पर विचार नहीं किया, खासकर जब विधायक के खिलाफ पहले से ही 26 आपराधिक मामले लंबित हैं। उन्होंने कहा, “उन्होंने पुलिस अधिकारियों के कार्य में हस्तक्षेप किया और यह उनकी आदत रही है। कोई भी व्यक्ति अपने ही क्षेत्र में न्यायाधीश नहीं बन सकता। उनके पिछले आचरण को ध्यान में रखा जाना चाहिए था।”

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पुलिस पक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि ट्रायल कोर्ट ने जैसे पूरा मुकदमा निपट गया हो, वैसे ही आत्मरक्षा का अधिकार मान लिया।

25 फरवरी को ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि आरोपित अपराध की अधिकतम सजा सात साल से कम है और खान की कस्टोडियल पूछताछ की आवश्यकता नहीं है। अदालत ने यह भी माना कि शाहवेज खान को लगातार गलत तरीके से हिरासत में लिए जाने का खतरा था, और ऐसे में अमानतुल्लाह खान को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 35 (शरीर और संपत्ति की आत्मरक्षा का अधिकार) के तहत संरक्षण प्राप्त है।

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अदालत ने खान को जांच में सहयोग करने और जांच अधिकारी के समन पर उपस्थित होने का निर्देश दिया था।

अब यह मामला अगली सुनवाई के लिए 27 अगस्त को सूचीबद्ध किया गया है

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