महाराष्ट्र के ठाणे जिले की मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (MACT) ने एक ऑटोरिक्शा दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुई 26 वर्षीय महिला को ₹8.84 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया है।
यह आदेश 29 अप्रैल को न्यायाधिकरण के सदस्य एस. एन. शाह द्वारा पारित किया गया, जिसकी प्रति रविवार को उपलब्ध कराई गई। आदेश में वाहन मालिक और बीमा कंपनी को संयुक्त रूप से एक माह के भीतर यह राशि जमा करने का निर्देश दिया गया है।
यह हादसा 9 दिसंबर 2021 को हुआ था, जब पीड़िता मोनिका अजय रोकड़े मेट्रो रेल निर्माण कार्य से प्रभावित सड़क पर ऑटोरिक्शा में यात्रा कर रही थीं। उनके अनुसार, ऑटोरिक्शा तेज गति से चल रहा था और एक गड्ढे में पलट गया। इस दौरान सड़क किनारे लगी एक टिन की नुकीली चादर से उनकी ऊपरी भुजा में गंभीर चोट लग गई। चालक ने उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया। हादसे के बाद चालक पर भारतीय दंड संहिता की धारा 338 (दूसरों की जान या सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कृत्य से गंभीर चोट पहुँचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया।
रोकड़े ने दावा किया कि इस दुर्घटना से उन्हें 23.70% स्थायी आंशिक विकलांगता हो गई, जिसे न्यायाधिकरण ने 15% तक उचित ठहराया। उन्होंने भविष्य की आय की हानि, इलाज के खर्च और मानसिक पीड़ा आदि मदों में मुआवजे की मांग की।
बीमा कंपनी ने यह तर्क दिया कि चालक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था और घटना के समय वाहन में अधिक सवारी थी। हालांकि, बीमा कंपनी ने यह भी स्वीकार किया कि दुर्घटना के समय वाहन बीमित था। न्यायाधिकरण ने बीमा कंपनी की इन परस्पर विरोधी दलीलों को गंभीरता से लिया और यह भी कहा कि बीमा कंपनी अपनी बात को साबित करने के लिए कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सकी।