सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की 2019 लोकसभा चुनाव में नागपुर सीट से जीत को चुनौती देने वाली याचिकाओं में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा कुछ आरोपों को हटाने के फैसले को सही ठहराते हुए हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कांग्रेस उम्मीदवार नाना पटोले और नागपुर के मतदाता नफीस खान द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया। याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट के 26 फरवरी 2021 के आदेश को चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गडकरी 2024 के आम चुनावों में भी इसी सीट से फिर से विजयी हुए हैं और हाईकोर्ट द्वारा अपनाई गई दलीलें सही थीं। पीठ ने स्पष्ट रूप से कहा, “हमें हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने की कोई वजह नजर नहीं आती।”

बॉम्बे हाईकोर्ट ने चुनाव याचिकाएं खारिज करने से इनकार कर दिया था, लेकिन उनमें शामिल कुछ आरोपों — जैसे गडकरी के पारिवारिक सदस्यों की आय और उनकी संपत्ति से जुड़ी जानकारियों — को रिकॉर्ड से हटा दिया था।
इस फैसले से असंतुष्ट होकर पटोले और खान ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। उन्होंने तर्क दिया कि याचिका से आरोप हटाने की शक्ति असाधारण होती है और अदालत को इसे अत्यधिक सावधानी और विवेक से प्रयोग करना चाहिए।
नफीस खान ने आरोप लगाया था कि गडकरी ने अपने नामांकन पत्र और चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी दी थी, जबकि नाना पटोले ने कहा था कि चुनाव प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।