छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में लंबी हिरासत पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को छत्तीसगढ़ सरकार को 2,000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में आरोपियों को लंबे समय तक हिरासत में रखने को लेकर कड़ी फटकार लगाई और अनिश्चितकालीन कारावास के औचित्य पर सवाल उठाए। यह मामला राज्य की शराब वितरण प्रणाली से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित है।

दो जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुयान की पीठ ने जांच की धीमी गति पर चिंता व्यक्त की। अदालत ने कहा कि अब तक तीन चार्जशीट दाखिल की जा चुकी हैं, लेकिन मामला अभी तक हल नहीं हुआ है। पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा, “जांच अपनी गति से चलती रहेगी। यह अनंत काल तक चलेगी। आप व्यक्ति को हिरासत में रखकर वस्तुतः दंडित कर रहे हैं। आपने प्रक्रिया को ही सजा बना दिया है। यह कोई आतंकी या तिहरे हत्याकांड का मामला नहीं है।”

READ ALSO  कर्मचारी उन पेंशन शर्तों को चुनौती नहीं दे सकते जिन्हें उन्होंने 'खुली आंखों से' स्वीकार किया है: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पेंशन कम्यूटेशन याचिका खारिज की

राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा कि आरोपियों को अन्य आरोपियों के साथ आमना-सामना कराना जरूरी है। दूसरी ओर, आरोपियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने तर्क दिया कि आरोप तय किए बिना ही उनके मुवक्किलों को लंबे समय से हिरासत में रखा गया है।

Video thumbnail

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता अरविंद सिंह और अमित सिंह को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा से आमना-सामना का अवसर दिया जाएगा और मामले की अगली सुनवाई 9 मई को होगी।

READ ALSO  Section 498A IPC | Assault Allegations Backed by Medical & Witness Evidence Cannot Be Quashed Merely Due to Matrimonial Dispute; High Court Cannot Hold Mini-Trial: Supreme Court

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी जांच में उच्च स्तर के एक गठजोड़ का पर्दाफाश किया है, जिसमें राज्य सरकार के अधिकारी, निजी संस्थाएं और राजनीतिक हस्तियां शामिल हैं। आरोप है कि 2019 से 2022 के बीच अवैध गतिविधियों के जरिये 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की गई। आयकर विभाग द्वारा 2022 में दाखिल एक चार्जशीट में आरोप लगाया गया था कि छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CSMCL) के माध्यम से खरीदी गई शराब की मात्रा के आधार पर डिस्टिलरों से रिश्वत ली जाती थी और रिकॉर्ड से बाहर शराब बेची जाती थी।

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दो न्यायिक अधिकारियों को दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की संस्तुति की
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles