एक अहम कानूनी फैसले में, मद्रास हाईकोर्ट ने बुधवार को तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन (TASMAC) और राज्य सरकार द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी को चुनौती देने के लिए दायर कई याचिकाएं खारिज कर दीं। ये छापे मार्च महीने में TASMAC के परिसरों पर डाले गए थे।
न्यायमूर्ति एस. एम. सुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति के. राजसेकर की खंडपीठ ने TASMAC की दो और राज्य सरकार की एक रिट याचिका को खारिज करते हुए प्रवर्तन निदेशालय को धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत अपनी जांच आगे बढ़ाने की अनुमति दी।
ED की जांच में यह सामने आया कि कई डिस्टिलरी कंपनियों और बॉटलिंग इकाइयों के माध्यम से गंभीर वित्तीय अनियमितताओं को अंजाम दिया गया। एजेंसी के अनुसार, इन संस्थाओं द्वारा बेहिसाब नकदी का सृजन और अवैध भुगतान किए जा रहे थे।

TASMAC ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि ईडी की कार्रवाइयाँ उसके कर्मचारियों को परेशान करने और राज्य की सीमाओं के भीतर अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम करने के समान हैं। निगम ने यह भी दावा किया कि ईडी की विस्तृत जांच संघवाद के सिद्धांतों का उल्लंघन करती है।