सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा के ट्रांसफर की सिफारिश की, दिल्ली हाईकोर्ट से कलकत्ता हाईकोर्ट होंगे स्थानांतरित

न्यायपालिका में एक अहम कदम उठाते हुए, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा को दिल्ली हाईकोर्ट से कलकत्ता हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने की सिफारिश की है। यह निर्णय 27 मार्च को हुई कॉलेजियम की बैठक में लिया गया, जो न्यायमूर्ति शर्मा के विशिष्ट करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।

न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा का न्यायिक सेवा में लंबा अनुभव रहा है। उन्होंने 1992 में दिल्ली न्यायिक सेवा में प्रवेश किया था। इसके बाद 2003 में उन्हें उच्चतर न्यायिक सेवा में पदोन्नत किया गया। अपने करियर के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है, जिनमें दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और नई दिल्ली के प्रमुख जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में उनकी भूमिका उल्लेखनीय रही है।

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली के तुगलकाबाद में अतिक्रमण विरोधी अभियान पर रोक लगाने से इनकार

कॉमनवेल्थ ज्यूडिशियल एजुकेशन इंस्टीट्यूट के पूर्व छात्र रहे न्यायमूर्ति शर्मा ने न्यायिक शिक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सुप्रीम कोर्ट की मध्यस्थता परियोजना (मेडिएशन प्रोजेक्ट) के तहत उन्होंने मध्यस्थों को प्रशिक्षित करने में अहम भूमिका निभाई है। 28 फरवरी, 2022 को उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी।

Video thumbnail

न्यायिक कार्यों के अलावा, उन्होंने कमजोर गवाहों की सुरक्षा के लिए बनाए गए “वल्नरेबल विटनेस डिपोजिशन कॉम्प्लेक्स” कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभाई है और उनके बयान को सुगम बनाने हेतु दिशानिर्देश तैयार करने में भी सहयोग किया है।

उनका यह ट्रांसफर ऐसे समय में किया गया है जब कलकत्ता हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की भारी कमी है। कुल स्वीकृत 72 पदों के मुकाबले अभी वहां केवल 44 न्यायाधीश कार्यरत हैं, जिससे 28 पद खाली हैं। न्यायमूर्ति शर्मा की नियुक्ति से कलकत्ता हाईकोर्ट की न्यायिक क्षमता को बल मिलेगा और लंबित मामलों के निपटारे में मदद मिलेगी।

READ ALSO  अगर केस रिकॉर्ड से प्रथम दृष्टया मामला स्पष्ट हो, तो मजिस्ट्रेट का संज्ञान आदेश कारण सहित होना आवश्यक नहीं: सुप्रीम कोर्ट
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles