पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को गोदरेज प्रॉपर्टीज लिमिटेड की याचिका के संबंध में नोटिस जारी किया, जिसमें केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज आपराधिक मामले को रद्द करने की मांग की गई है। हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति मंजरी नेहरू कौल ने सीबीआई से 20 मई तक जवाब मांगा है, जो मामले में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है।
गोदरेज प्रॉपर्टीज, मेसर्स गोदरेज एस्टेट डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और गोदरेज सी व्यू प्रॉपर्टीज लिमिटेड का उत्तराधिकारी है, जो वर्तमान में शहर के औद्योगिक क्षेत्र फेज-1 में स्थित अपने 5 एकड़ के वाणिज्यिक परिसर, इटरनिया से संबंधित कानूनी परेशानियों में उलझा हुआ है। इस संपत्ति का संबंध पूर्व भाजपा महापौर अनूप गुप्ता से है, जिससे मामले में राजनीतिक साज़िश की एक परत जुड़ गई है।
सीबीआई ने फर्म पर इटरनिया परिसर के लिए पर्यावरण और वन्यजीव मंजूरी प्राप्त करने से संबंधित धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का आरोप लगाया है। उल्लेखनीय है कि 17 जुलाई, 2024 को एस्टेट ऑफिस ने गोदरेज इटरनिया के कब्जे के प्रमाण पत्र को रद्द करके एक कठोर कदम उठाया। यह कार्रवाई क्षेत्र की एक अन्य वाणिज्यिक इकाई बर्कले स्क्वायर द्वारा सामना की गई समान कानूनी चुनौतियों को दर्शाती है।

हाई कोर्ट में अपनी याचिका में, गोदरेज प्रॉपर्टीज ने जोरदार ढंग से तर्क दिया है कि सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर कानूनी प्रक्रिया का घोर दुरुपयोग है। कंपनी का तर्क है कि एफआईआर में शामिल किसी भी लोक सेवक की उचित पहचान नहीं की गई है, न ही इसमें भ्रष्टाचार के ऐसे मामलों को निर्दिष्ट किया गया है जिसके लिए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम को लागू करने की आवश्यकता होगी। इसके अतिरिक्त, गोदरेज प्रॉपर्टीज ने बताया कि पर्यावरण मंजूरी से संबंधित मुद्दा अभी भी पर्यावरण और वन मंत्रालय के समक्ष लंबित है, फिर भी सीबीआई ने एफआईआर दर्ज करने की कार्यवाही जारी रखी।