अगर गैर-AoR अदालत में पेश हो सकते हैं, तो AoR परीक्षा का क्या महत्व? सुप्रीम कोर्ट ने उठाए सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को Advocate-on-Record (AoR) द्वारा गैर-AoR को अदालत में पेश होने की अनुमति देने की प्रथा पर सवाल उठाया और इस संदर्भ में AoR परीक्षा के महत्व पर पुनर्विचार की आवश्यकता जताई।

न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। यह याचिका सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) द्वारा दायर की गई थी। याचिका में एक पूर्व मामले में की गई उन टिप्पणियों को संशोधित करने का अनुरोध किया गया था, जिसमें कहा गया था कि AoR केवल अन्य AoRs को ही अपने स्थान पर अदालत में उपस्थित होने की अनुमति दे सकते हैं।

SCBA की उपाध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता रचना श्रीवास्तव ने अन्य प्रमुख AoRs के साथ मिलकर अदालत में एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसमें अधिवक्ताओं की उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने पर जोर दिया गया। हालांकि, मौजूदा नियमों के अनुसार, गैर-AoR को पेश होने की अनुमति केवल AoR द्वारा दी जा सकती है या अदालत की अनुमति से ही संभव है, लेकिन पीठ ने नियमों की व्याख्या में असंगति और इसके AoR परीक्षा पर पड़ने वाले प्रभावों पर सवाल उठाए।

न्यायमूर्ति त्रिवेदी ने विशेष रूप से सुप्रीम कोर्ट नियमों में विरोधाभास को उजागर किया और कहा कि नियम 20 स्पष्ट रूप से कहता है कि AoR केवल अन्य AoR को ही अपने स्थान पर कार्य करने की अनुमति दे सकते हैं। उन्होंने कहा,

READ ALSO  Supreme Court Orders CBI Probe into Advocate’s Degree Amid Forgery Allegations

“यदि कोई AoR किसी को अधिकृत करना चाहता है, तो वह केवल किसी अन्य AoR को ही अधिकृत कर सकता है… यदि AoR अपनी प्राधिकरण को किसी अन्य को सौंपना चाहता है, तो वह केवल किसी AoR को ही दे सकता है, किसी और को नहीं। अन्यथा, फिर AoR परीक्षा का क्या महत्व रह जाएगा?”

बहस अदालत में अधिवक्ताओं की उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया तक भी विस्तारित हुई। रचना श्रीवास्तव ने तर्क दिया कि इस प्रक्रिया का दुरुपयोग हो रहा है, जिससे अदालत के आदेश अनावश्यक रूप से लंबे हो रहे हैं।

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरणीय मानकों के उल्लंघन पर पूर्वव्यापी मंजूरी देने पर रोक वाले आदेश की समीक्षा याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा

SCBA और SCAORA ने अपनी ओर से निम्नलिखित सुझाव दिए:

  • सभी पीठों में उपस्थिति दर्ज करने की एक समान प्रक्रिया लागू की जाए।
  • अधिवक्ताओं की उपस्थिति को सटीक रूप से रिकॉर्ड किया जाए।
  • AoR को यदि गलती से गलत उपस्थिति दर्ज हो जाए तो उसे सुधारने की अनुमति दी जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। यदि अदालत कोई ठोस निर्णय लेती है, तो इससे सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ताओं की उपस्थिति को लेकर बड़ी प्रक्रियात्मक बदलाव आ सकते हैं और साथ ही, AoR पद और उसकी परीक्षा की प्रासंगिकता को भी और अधिक मजबूती मिल सकती है।

READ ALSO  हाई कोर्ट ने सरकारी/वन भूमि से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles