उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर के बीच चल रहे विवाद को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने संभल जिला अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की अध्यक्षता में कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को चार सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
शाही जामा मस्जिद प्रबंधन समिति द्वारा दायर याचिका के बाद कोर्ट ने यह अंतरिम राहत दी, जो विशेष रूप से मुस्लिम पक्ष के लिए राहत है। कोर्ट ने मस्जिद समिति को पक्षों के जवाब के बाद दो सप्ताह के भीतर अपना प्रत्युत्तर दाखिल करने का भी निर्देश दिया है।
मूल मामला 19 नवंबर को संभल की सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में दर्ज किया गया था। हिंदू पक्ष की ओर से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने छह लोगों को आरोपी बनाया, जिनमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारी भी शामिल हैं। इन अधिकारियों ने पहले ही अपने जवाब दाखिल कर दिए हैं। विवाद का दावा है कि वर्तमान शाही जामा मस्जिद की जमीन पर पहले हरिहर मंदिर स्थित था।
जिला अदालत ने पहले इस स्थल का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था, जो पिछले साल 24 नवंबर को किया गया। सर्वे के अगले ही दिन हिंसा भड़क गई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई।
इस मामले की अगली सुनवाई हाई कोर्ट में 25 फरवरी को होगी, जहां इसे नए मामले के रूप में देखा जाएगा।