झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ी राहत देते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को रांची में एमपी/एमएलए अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने से उन्हें दी गई छूट की अवधि बढ़ा दी। यह निर्णय कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चल रही कार्यवाही के बीच आया है, जिसके लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक प्रमुख जांचकर्ता रहा है।
पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति अनिल कुमार चौधरी ने छूट की अवधि 16 दिसंबर तक बढ़ा दी, जिससे मुख्यमंत्री को अनिवार्य अदालती उपस्थिति से बचने की अनुमति मिल गई, जो पहले 4 दिसंबर को निर्धारित थी। अदालत ने मामले के जवाब में ईडी को अपना जवाबी हलफनामा प्रस्तुत करने के लिए एक अतिरिक्त सप्ताह भी आवंटित किया।
इन कार्यवाहियों की उत्पत्ति ईडी द्वारा सोरेन के खिलाफ दर्ज की गई शिकायत से जुड़ी है, जिसमें कई समन प्राप्त करने के बावजूद न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष बार-बार पेश नहीं होने का आरोप लगाया गया था। एजेंसी ने सोरेन पर कथित भूमि घोटाले से संबंधित जांच में असहयोग करने का आरोप लगाया, जिसके कारण उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने का न्यायिक निर्देश दिया गया।
जवाब में, सोरेन ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें उन्होंने कहा कि वे आधिकारिक कर्तव्यों और व्यस्तताओं के कारण अदालत में उपस्थित होने में असमर्थ हैं। उनकी कानूनी चुनौती का उद्देश्य निचली अदालत के आदेश को पलटना था, जिसे हाईकोर्ट ने छूट विस्तार देकर स्वीकार कर लिया।