राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा-2021 पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश जारी किया, क्योंकि परीक्षा प्रक्रिया से संबंधित अनियमितताओं और गिरफ्तारियों के आरोप लगे थे।
न्यायमूर्ति समीर जैन ने सुनवाई की अध्यक्षता की, जिसके दौरान गृह विभाग, राजस्थान के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के सचिव और विशेष अभियान समूह (एसओजी) के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) सहित कई प्रमुख अधिकारियों को नोटिस भेजे गए।
अधिवक्ता हरेंद्र नील के अनुसार, अदालत के फैसले ने परीक्षा प्रक्रिया के संबंध में आगे की किसी भी कार्रवाई को प्रभावी रूप से रोक दिया है, जिसमें प्रशिक्षुओं की पासिंग आउट परेड और उसके बाद फील्ड पोस्टिंग शामिल है। नील ने बताया, “यथास्थिति बनाए रखने के न्यायालय के आदेश के साथ अब इन प्रशिक्षुओं के भविष्य पर तलवार लटक रही है।”
यह विवाद 859 रिक्तियों को भरने के लिए शुरू में आयोजित की गई भर्ती परीक्षा को लेकर है, जिसमें कथित कदाचार की पुलिस जांच के बाद 50 प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों और आरपीएससी के दो सदस्यों सहित 150 व्यक्तियों की गिरफ्तारी से विवाद पैदा हो गया है।
इस परीक्षा की सत्यनिष्ठा पर और सवाल उठे, जिसके कारण पुलिस मुख्यालय और महाधिवक्ता दोनों ने इसे रद्द करने की सिफारिश की। हालांकि, प्रशिक्षण पूरा कर चुके और नियुक्ति के कगार पर खड़े चयनित उम्मीदवारों का भाग्य अनिश्चित बना हुआ है।
बढ़ते संकट के जवाब में, 1 अक्टूबर को छह मंत्रियों की एक कैबिनेट समिति बनाई गई, जिसे भर्ती परीक्षा का भविष्य तय करने का काम सौंपा गया। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल को इस समिति का संयोजक नियुक्त किया गया है।