सुप्रीम कोर्ट ने न्यायपालिका में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को लेकर सुनवाई के दौरान एक वकील को सख्त चेतावनी दी। कोर्ट ने वकील द्वारा शीर्ष अदालत में महिला जजों की संख्या पर सवाल उठाने वाली टिप्पणी पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। यह टिप्पणी दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन (डीएचसीबीए) में महिला वकीलों के लिए 33% आरक्षण की मांग को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान सामने आई।
सुनवाई की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुयान ने वकील की टिप्पणी पर स्पष्ट असहमति जताते हुए कहा कि ऐसी टिप्पणियां न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचा सकती हैं। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने वकील को फटकारते हुए कहा, “अगर आपको यह सब कहकर लोकप्रियता हासिल करनी है, तो कृपया करें। इसे 10 बार कहें। आप आग में घी डाल रहे हैं। मीडिया को इसे सुनने दें। अदालत से खिलवाड़ न करें। अब बहुत हो गया। यह शर्मनाक है। बार का यह आचरण सही नहीं है।”
इसके बाद पीठ ने वकील की आगे की दलीलों को सुनने से इनकार कर दिया और मामले के व्यापक कानूनी पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया। सुनवाई की अंतिम दलीलों के लिए 29 नवंबर की तारीख तय की गई है, और फैसला इसके तीन दिनों के भीतर सुनाया जाएगा।