सुप्रीम कोर्ट ने ‘हिंदुत्व’ की जगह ‘भारतीय संविधान’ रखने की याचिका खारिज की

मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुआई में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में एक याचिका खारिज कर दी, जिसमें “हिंदुत्व” शब्द की जगह “भारतीय संविधान” या “भारतीय संविधान” रखने की मांग की गई थी। डॉ. एस.एन. कुंद्रा द्वारा प्रस्तुत याचिका में भारतीय पहचान और शासन पर इस शब्द के प्रभाव के आधार पर बदलाव की मांग की गई थी, जिसमें कहा गया था कि यह संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ अधिक निकटता से जुड़ा हुआ है।

पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे, ने अपने फैसले में दृढ़ता दिखाई, जिसमें सीजेआई चंद्रचूड़ ने टिप्पणी की, “नहीं सर, हम इस पर विचार नहीं करेंगे,” जिससे इस मामले पर आगे कोई चर्चा प्रभावी रूप से बंद हो गई। उन्होंने इस याचिका को “प्रक्रिया का पूर्ण दुरुपयोग” बताया, तथा “हिंदुत्व” के इर्द-गिर्द स्थापित विमर्श को बनाए रखने के न्यायपालिका के रुख पर प्रकाश डाला।

READ ALSO  Supreme Court Orders Six-Month Deadline for Verification of Government Job Candidates' Documents

“हिंदुत्व”, एक ऐसा शब्द जो भारत के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य में गहराई से समाया हुआ है, ऐतिहासिक रूप से हिंदू राष्ट्रवाद की विचारधारा से जुड़ा हुआ है, जो राजनीतिक क्षेत्र में हिंदू मूल्यों को बढ़ावा देता है। याचिकाकर्ता, डॉ. कुंद्रा ने इस कथन को “भारतीय संविधान” की ओर मोड़ने की कोशिश की, जो भारतीय पहचान के लिए धर्मनिरपेक्षता, समानता और लोकतंत्र के सिद्धांतों पर जोर देता है।

Video thumbnail

डॉ. कुंद्रा द्वारा अपने तर्क के समर्थन में अतिरिक्त प्रस्तुतियाँ देने के प्रयासों के बावजूद, न्यायालय द्वारा त्वरित अस्वीकृति राष्ट्रीय पहचान को आकार देने वाले प्रमुख वैचारिक तत्वों को फिर से परिभाषित करने में संलग्न होने के लिए एक व्यापक न्यायिक अनिच्छा को रेखांकित करती है। यह निर्णय देश में धार्मिक राष्ट्रवाद के प्रभाव पर चल रही बहसों के बीच आया है, जो भारत के सामाजिक-राजनीतिक संदर्भ में ऐसे मुद्दों की जटिलता और संवेदनशीलता को दर्शाता है।

READ ALSO  ठाणे की अदालत ने विवाहेतर संबंध को लेकर एक व्यक्ति की हत्या के आरोपी ड्राइवर को बरी कर दिया
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles