इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गलत आयु निर्धारण के आधार पर विद्यालय में प्रवेश देने से इनकार करने की निंदा की

एक महत्वपूर्ण निर्णय में, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वैध आधिकारिक दस्तावेजों की मौजूदगी के बावजूद, चिकित्सकीय रूप से अनुमानित आयु के आधार पर छात्रा, सुश्री साक्षी को प्रवेश देने से इनकार करने के विद्यालय के फैसले को खारिज कर दिया है। न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि शैक्षणिक संस्थानों को वैधानिक ढांचे के तहत जारी जन्म प्रमाण-पत्रों पर भरोसा करना चाहिए, न कि केवल चिकित्सकीय आकलन पर, खासकर जब ऐसे आकलन केवल अनुमान हों। न्यायालय ने प्रवेश देने से इनकार करने की कार्रवाई को “पूरी तरह से अनुचित” और “अत्याचारी” करार दिया।

मामले की पृष्ठभूमि:

अपीलकर्ता सुश्री साक्षी ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय, जगदीशपुर गौरा, संत कबीर नगर में कक्षा VI में प्रवेश मांगा था। उसके जन्म प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड और टीकाकरण रिकॉर्ड में उसकी जन्मतिथि 25 जनवरी, 2011 दर्शाई गई थी। विद्यालय की मेरिट सूची में सफलतापूर्वक स्थान पाने के बाद, उसे संस्थान में प्रवेश दिया गया।

हालांकि, स्कूल प्रिंसिपल को शक था कि साक्षी की उम्र स्वीकार्य आयु सीमा से ज़्यादा है, इसलिए उन्होंने उसे आयु निर्धारण परीक्षण के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पास भेजा। मेडिकल रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि उसकी उम्र 15 साल से ज़्यादा है, जो प्रवेश के लिए अधिकतम आयु सीमा से दो साल ज़्यादा है। इस रिपोर्ट के आधार पर, स्कूल ने उसे प्रवेश देने से मना कर दिया, जिसके कारण साक्षी ने एक रिट याचिका दायर की, जिसे 12 मार्च, 2024 को एकल न्यायाधीश ने खारिज कर दिया।

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साक्षी ने इस निर्णय के खिलाफ़ अपील की और अपने आधिकारिक दस्तावेज़ों के आधार पर प्रवेश की मांग की।

शामिल कानूनी मुद्दे:

इस मामले में कई महत्वपूर्ण कानूनी सवाल उठाए गए:

1. शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धारा 14 की व्याख्या: साक्षी के वकील ने तर्क दिया कि बच्चों के मुफ़्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा 14 के तहत, उसकी उम्र का निर्धारण उसके जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर किया जाना चाहिए, जो जन्म, मृत्यु और विवाह पंजीकरण अधिनियम, 1886 के अनुसार जारी किया गया हो। यह प्रावधान मेडिकल रिपोर्ट का स्थान लेता है, जो केवल अनुमान हैं और सटीक आयु निर्धारण नहीं हैं।

2. स्कूल प्रक्रियाओं की वैधता: स्कूल का निर्णय उनके ब्रोशर में एक प्रावधान पर आधारित था, जिसमें मेडिकल बोर्ड के माध्यम से आयु निर्धारण की अनुमति दी गई थी। प्रतिवादियों ने तर्क दिया कि मेडिकल बोर्ड का निर्णय अंतिम था।

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3. आयु-उपयुक्त शिक्षा का अधिकार: दो शैक्षणिक वर्ष पहले ही खो चुके होने के कारण, साक्षी ने तर्क दिया कि उसे शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धारा 4 के तहत उसकी आयु के अनुसार कक्षा आठ में प्रवेश दिया जाना चाहिए।

न्यायालय की टिप्पणियाँ और निर्णय:

मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने अपील पर सुनवाई की और 24 सितंबर, 2024 को निर्णय पारित किया। न्यायालय ने चिकित्सा मूल्यांकन पर निर्भरता पर सवाल उठाते हुए कहा:

“याचिकाकर्ता को चिकित्सा परीक्षण के अधीन करने में प्रतिवादी की कार्रवाई पूरी तरह से अनुचित और वास्तव में अत्याचारपूर्ण थी।”

न्यायालय ने माना कि बच्चों के निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा 14 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि आधिकारिक जन्म रिकॉर्ड के आधार पर आयु निर्धारित की जानी चाहिए। इस मामले में, ग्राम पंचायत द्वारा जारी अपीलकर्ता का जन्म प्रमाण पत्र और अन्य सहायक दस्तावेज वास्तविक थे और उनकी जन्म तिथि 25 जनवरी, 2011 की पुष्टि करते थे। न्यायालय ने कहा कि चिकित्सा मूल्यांकन केवल एक अनुमान था और अपीलकर्ता की आयु का निर्णायक प्रमाण नहीं था।

पीठ ने यह भी बताया कि एकल न्यायाधीश ने साक्षी की रिट याचिका को उसके जन्म दस्तावेजों की वैधता को संबोधित किए बिना खारिज करके गलती की। उन्होंने कहा कि खारिज करने का आधार एक पूर्व मामला था जहां जन्म प्रमाण पत्र में कमी पाई गई थी, ऐसी स्थिति जो वर्तमान मामले से तुलनीय नहीं थी।

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अंत में, न्यायालय ने स्कूल के निर्णय को रद्द कर दिया और संस्था को शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धारा 4 के अनुरूप आयु-उपयुक्त कक्षा में साक्षी को प्रवेश देने का आदेश दिया, भले ही उसने दो साल की स्कूली शिक्षा खो दी हो।

न्यायालय ने प्रतिवादियों को आदेश के दो सप्ताह के भीतर साक्षी को कक्षा आठ में प्रवेश देने का निर्देश दिया।

मामले का विवरण:

– मामले का नाम: साक्षी बनाम भारत सरकार और अन्य।

– केस नंबर: विशेष अपील दोषपूर्ण संख्या 445/2024

– बेंच: मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और माननीय न्यायमूर्ति विकास बुधवार

– अपीलकर्ता के वकील: आशुतोष दिलजुन

– प्रतिवादी के वकील: ए.एस.जी.आई., राजेश त्रिपाठी

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