इलाहाबाद हाईकोर्ट में ‘संविधान हत्या’ दिवस घोषित करने को जनहित याचिका में दी गई चुनौती

इलाहाबाद हाईकोर्ट वर्तमान में एक जनहित याचिका (पीआईएल) की जांच कर रहा है, जिसमें 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ (संविधान हत्या दिवस) घोषित करने के केंद्र सरकार के फैसले की वैधता को चुनौती दी गई है। न्यायालय ने सरकार से एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।

मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की अध्यक्षता वाली पीठ ने संतोष कुमार दोहरे द्वारा दायर याचिका के बाद इस सोमवार को मामले पर कार्यवाही शुरू की। याचिकाकर्ता का तर्क है कि 25 जून को संविधान हत्या दिवस घोषित करने वाली 11 जुलाई, 2024 को जारी अधिसूचना असंवैधानिक है और संविधान के प्रति अपमानजनक है।

READ ALSO  क्या करे अगर पुलिस FIR दर्ज करने से इनकार कर देती है? धारा 156 (3) में आवेदन का प्रारूप डाउनलोड करे

याचिकाकर्ता का तर्क है कि ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित करना संविधान को कमजोर करता है, इस बात पर जोर देते हुए कि आपातकाल संवैधानिक रूप से विशेष परिस्थितियों को संबोधित करने के लिए प्रावधानित है, इस प्रकार सरकार को संविधान के तहत ऐसी कार्रवाई करने का अधिकार मिलता है।

Video thumbnail

Also Read

READ ALSO  आदेश VIII नियम 6A सीपीसी | काफी समय के बाद लेकिन मुद्दे तय होने से पहले दायर किए गए जवाबी दावे को रिकॉर्ड में लेने पर कोई रोक नहीं: सुप्रीम कोर्ट

यह घोषणा विवादास्पद रही है, क्योंकि इसे संवैधानिक ढांचे के प्रति अनादर का प्रतीक माना जाता है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले एक गजट अधिसूचना साझा की थी जिसमें कहा गया था कि 25 जून को आपातकाल के दौरान ‘सत्ता के घोर दुरुपयोग’ के खिलाफ लड़ने वालों को सम्मानित करने के लिए ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।

READ ALSO  असुविधा के आधार पर कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती नहीं दी जा सकताः सुप्रीम कोर्ट
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles