मध्य प्रदेश हाईकोर्ट  ने आंगनवाड़ी नियुक्ति मामले में देरी के लिए सरकार पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति से संबंधित एक मामले में पिछले तेरह वर्षों में सरकार की ओर से जवाब नहीं देने पर नाराजगी व्यक्त की है। हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल ने सीधी कलेक्टर को अगली सुनवाई पर रिकॉर्ड के साथ व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश देते हुए सरकार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

यह मामला 2011 में सीधी निवासी सुधा गुप्ता द्वारा शुरू किया गया था, जिन्होंने अपनी स्थानीय आंगनवाड़ी में नियुक्ति प्रक्रियाओं को चुनौती दी थी। जुलाई 2011 में हाईकोर्ट  द्वारा सरकार को नोटिस जारी करने और जनवरी 2013 तक जवाब देने के सरकार के वादे के बावजूद, आज तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया प्रस्तुत नहीं की गई है।

एकल-न्यायाधीश पीठ ने सरकार के रवैये पर काफी असंतोष व्यक्त करते हुए निर्देश दिया कि जुर्माना तीन दिनों के भीतर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट  विधिक सेवा समिति के खाते में जमा किया जाए। मामले की अगली सुनवाई 30 मई को होनी है, जहां सीधी कलेक्टर से संबंधित नियुक्ति रिकॉर्ड पेश करने की उम्मीद है। वकील गोपाल सिंह इस चल रहे कानूनी मामले में याचिकाकर्ता सुधा गुप्ता का प्रतिनिधित्व करते हैं।

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