अदालत में एक नई याचिका दायर की गई है, जिसमें श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को मंदिर में एक नोटिस बोर्ड लगाने का निर्देश देने की मांग की गई है, जिसमें कहा गया हो कि वर्तमान गर्भगृह भगवान कृष्ण का “असली जन्मस्थान नहीं” है।
यह मुकदमा दिल्ली के वकील पीवी रघुनंदन ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन) अनुपमा सिंह की अदालत में दायर किया है।
वादी के अधिवक्ता पंकज जोशी ने मीडिया को बताया कि मामले को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया गया है, लेकिन इस संबंध में कोई तारीख तय नहीं की गयी है.
याचिका में वादी ने दावा किया है कि प्राचीन केशवदेव मंदिर के “मूल” गर्भगृह को मुगल शासक औरंगजेब ने ध्वस्त कर दिया था और उस स्थान पर शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण किया गया था।
याचिका में कहा गया है कि इसलिए, कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के वर्तमान गर्भगृह में आने वाले भक्तों को एक नोटिस बोर्ड लगाकर स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए कि यह स्थान “वास्तविक” गर्भगृह नहीं है।
जोशी ने कहा कि याचिका में अदालत से इस संबंध में एक नोटिस बोर्ड लगाने का आदेश पारित करने की मांग की गई है.
जोशी ने कहा, उत्तर प्रदेश सरकार, मथुरा नगर निगम और राज्य पुरातत्व विभाग सहित अन्य को मामले में प्रतिवादी बनाया गया है।